पटना यूनिवर्सिटी में प्रिंसिपल की नियुक्ति लॉटरी से! चयन प्रक्रिया पर उठे सवाल

04 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Education Desk: पटना विश्वविद्यालय ने हाल ही में अपने पांच कॉलेजों में प्रिंसिपलों की नियुक्ति लॉटरी ड्रॉ के माध्यम से की, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। इस प्रक्रिया में वरीयता सूची को दरकिनार कर नियुक्तियां न करने पर असंतोष फैल गया। इस निर्णय से प्रताप स्वतंत्र कॉलेज के मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष एवं निदेशक इन चीफ डॉ. एनपी सिंह इतने आहत हुए कि उन्होंने अपना पद त्याग दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके वरिष्ठता क्रम के बावजूद जूनियर डॉ. कौशल किशोर को प्रिंसिपल पद मिला, जबकि उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी।

परंपरागत प्रक्रिया के अनुसार, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (BSUSC) योग्य प्रोफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर से तीन सदस्यीय चयन समिति बनाकर दस्तावेजों की जांच और साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति करती है, जिसमें कुलपति, रजिस्ट्रार और राज्यपाल प्रतिनिधि होते हैं। लेकिन इस बार नियुक्ति लॉटरी ड्रॉ के माध्यम से की गई ताकि राज्यपाल की पसंद-नापसंद से बचा जा सके।

पटना विश्वविद्यालय के कुल 10 कॉलेजों में यह पहला मौका है जब लॉटरी प्रक्रिया अपनाई गई है। इसके तहत पटना कॉलेज, मगध महिला कॉलेज, पटना वुमेंस कॉलेज, बिहार नेशनल कॉलेज, वाणिज्य महाविद्यालय आदि शामिल हैं। इस नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर विवाद बढ़ने के बीच, विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यह कदम निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था, लेकिन शिक्षकों ने इसका स्वागत नहीं किया है।