16 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
National Desk: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की जड़ें कमजोर करने के लिए सुरक्षाबलों ने एक बार फिर बड़ा आतंक विरोधी अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत सेना ने अब तक 70 से अधिक तलाशी अभियान चलाए हैं और जम्मू संभाग के ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में पुराने सुरक्षा पिकेट्स को दोबारा स्थापित किया जा रहा है। किश्तवाड़ जिले के वारवन क्षेत्र में चोईडरमन, बसमिना और सुखनाई गांवों में संदिग्ध आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ऑपरेशन का नेतृत्व एसएसपी किश्तवाड़ नरेश सिंह की निगरानी में किया जा रहा है और तलाशी के दौरान खाली ढोक मकानों की भी जांच की जा रही है, जिन्हें आतंकी छिपने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
विशेष रूप से जिस सुखनाई इलाके में तलाशी चल रही है, वहीं से पहलगाम और शीशनाग की ओर जाने वाला एक ट्रैकिंग रूट भी गुजरता है। इस वजह से सुरक्षा बल तीर्थयात्रियों और आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। जम्मू के पहाड़ी जिलों—राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, डोडा और किश्तवाड़—में पुराने सुरक्षा पिकेट्स को दोबारा सक्रिय किया जा रहा है। ये वही पिकेट्स हैं जो 2003-2004 के दौर में सक्रिय थीं, लेकिन आतंक में कमी आने के बाद हटा ली गई थीं। अब बढ़ती आतंकी गतिविधियों के चलते इन इलाकों में फिर से सुरक्षा चौकियां बनाई जा रही हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक इन छह जिलों में करीब 50 से 60 आतंकी सक्रिय हैं, जिनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं और छोटे-छोटे समूहों में काम कर रहे हैं। सेना ने ऊंचाई वाले इलाकों में स्थायी चौकियां स्थापित कर तलाशी अभियान को तेज़ कर दिया है। हाल ही में उधमपुर के बसंतगढ़ और डोडा के छात्रु में हुई मुठभेड़ों के बाद तलाशी अभियान अब भी जारी है। साथ ही, एलओसी पार 70 से ज्यादा आतंकी लॉन्चपैड्स पर घुसपैठ की फिराक में बैठे हैं, लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते उनकी कोशिशें लगातार नाकाम हो रही हैं।













