ambala biogas plant launch update | Ambala News | अंबाला में बन रहा बायोगैस प्लांट जल्द होगा शुरू: 85 लाख रुपए प्रोजेक्ट कॉस्ट, 400 क्यूम क्षमता; आसपास के गांवों में सप्लाई होगी गैस – Ambala News

अंबाला के सुल्लर गांव में तैयार बायोगैस प्लांट में लगी मशीनरी

अंबाला में 3 वर्ष पहले बायोगैस पावर प्लांट की नींव तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रखी थी। आज 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक यह प्लांट शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि मशीनरी पूरी तरह से लग चुकी है। लेकिन अब अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि जल्द ह

अंबाला शहर से 12 किलोमीटर दूर सुल्लर गांव में प्रदेश का दूसरा बायोगैस प्लांट लगाया जा रहा है। इसका शिलान्यास किए हुए तीन वर्ष पूरे हो गए हैं। लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो पाया है। प्लांट लगभग पूरी तरह से तैयार हो चुका है सारी मशीनरी आ चुकी है।

अब इंतजार है तो सिर्फ प्लांट को संचालित करने के लिए गोबर को एकत्रित करने वाले ट्रैक्टर-ट्राली का है। इसके साथ ही पानी की भी कुछ व्यवस्थाएं नहीं हो पाई हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही इन सभी समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा और जल्द ही लोगों को बायोगैस मिलना शुरू हो जाएगी। हिसार के उकलाना के बाद यह प्रदेश का दूसरा बायोगैस प्लांट है।

बायोगैस प्लांट का शिलान्यास करते पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ पूर्व विधायक असीम गोयल का फाइल फोटो।

बायोगैस प्लांट का शिलान्यास करते पूर्व उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के साथ पूर्व विधायक असीम गोयल का फाइल फोटो।

85 लाख है प्रोजेक्ट की लागत

अंबाला के सुंदर गांव में बने बायोगैस प्लांट की प्रोजेक्ट कास्ट 85 लख रुपए है। इसको मोहाली की एक कंपनी ने पंचायती राज विभाग की देखरेख में बनाया है। पहले चरण में गांव के लगभग 100 घरों में इसको पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। कई जगहों पर पाइपलाइन भी डाल दी गई है।

बायोगैस प्लांट का होता निर्माण का फाइल फोटो

बायोगैस प्लांट का होता निर्माण का फाइल फोटो

प्लांट की क्षमता 400 क्यूम

बॉयोगैस प्लांट में गोबर का पहले मिक्चर तैयार होगा। इसके बाद एनरोबिक केमिकल रिएक्शन होगा। इसमें गोबर एक तरह से डाइजेस्ट होता है। इसके बाद गैस जनरेट होगी तो गैस को प्यूरीफाई किया जाएगा। गैस अलग हो जाएगी और गोबर की गाद को बाहर निकाल दिया जाएगा।

जितना गोबर डालेंगे, उतनी ही खाद भी बाहर निकलेगी। इस प्लांट की क्षमता 400 क्यूम है और इसमें बायोडिग्रेडेबेल वेस्ट एवं गोबर, पोल्ट्री वेस्ट, किचन वेस्ट आदि रॉ‌-मेटिरियल के तौर पर इस्तेमाल होगा और प्रतिदिन 8 टन रा मेटिरियल की जरूरत पड़ेगी। रोजाना 8 टन गोबर की खपत होगी। अभी करीब 65 घरों में गैस की पाइपलाइन दबी है। इस लाइन के दबने के साथ ही मीटर भी लग चुके हैं। अब बायोगैस के चलने का इंतजार किया जा रहा है।

ग्रामीण पवन कुमार ने बताया कि बीते जनवरी माह में पाइपलाइन दबी थी। बायोगैस प्लांट चलने से ग्रामीणों को सस्ते रेट में गैस मिलेगी।