नमी कम करने के लिए मंडी में डाली गई सरसों।
हरियाणा के झज्जर जिले में अब तक करीब एक हजार क्विंटल सरसों मंडियों में आ चुकी है लेकिन किसी भी आढ़ती और एजेंसी की ओर से एक भी दाने की खरीद नहीं की गई है। सएजेंसियों की ओर सरसों न खरीदने का कारण नमी बता रही हैं जबकि हैंडलिंग एजेंट न बनने के कारण खरीद न
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झज्जर में सरसों की खरीद के लिए 5 मंडियां बनाई गई हैं। जहां पर किसानों की सरसों लाई जाती है। झज्जर की मंडियों में सरसों बेचने के लिए किसान आ रहे हैं लेकिन खरीद न होने के कारण कई किसान सरसों वापिस ले जाते हैं तो कई किसान जानकार आढ़ती के पास सरसों डाल कर चले जाते हैं।

सरसों की नमीं चेक करते आढ़ती ।
एक दाना एजेंसियों ने नहीं खरीदा झज्जर की मंडियों में अब तक करीब एक हजार क्विंटल सरसों आ चुकी है लेकिन अभी आढ़ती और एजेंसी की ओर से एक भी दाना सरसों का नहीं खरीदा गया है। एजेंसी की ओर सरसों न खरीदने का कारण नमी बताई जा रही है। जबकि सरकार के निर्देश पर 15 मार्च से सरसों खरीद शुरू की जानी चाहिए थी।

आढ़ती के पास मंडी में पहुंची किसान की सरसों ।
आढ़तियों में भी कमीशन को लेकर रोष सरसों की खरीद को लकर आढ़तियों में कमीशन को लेकर रोष है और बार बार कमीशन बढ़ौतरी की मांग भी कर चुके हैं। आढ़तियों को खरीद एजेंसी वेयर हाउस से 1.25 प्रतिशत कमीशन जबकि हैफेड दिया जा रहा है। पहले आढ़तियों को ढ़ाई प्रितशत कमीशन मिलता था। आढ़तियों का कहना है कि एजेंसियां हमारा कमीशन खाती हैं।
मुख्य खरीद एजेंसी नैफड़ किसानों की सरसों की फसल की खरीद के लिए सरकार की ओर से नैफड़ केंद्रीय खरीद एजेंसी को दिए गए हैं। जो कि ढ़ाई प्रतिशत के कमीशन पर हरियाणा में हैफेड और वेयर हाउस से खरीद करवाती है। एक सप्ताह से एजेंसियां सरसों की खरीद नहीं कर रही हैं।

झज्जर में सरसों की ट्राली भरकर किसान पहुंचा मंडी ।
हैंडलिंग एजेंट न होने से भी रूकावट झज्जर जिले में करीब हजार क्विंटल सरसों मंडियों में पड़ी है लेकिन एजेंसियों के हैंडलिंग एजेंट न बनने के कारण अभी तक खरीद को शुरू नहीं किया गया है। सरसों खरीद न होने के कारण अत्यधिक मात्रा में नमी होना भी बताया जा रहा है।