दिल्ली-NCR के बाद बिहार में भूकंप के झटके, हरियाणा के 5 जिले भी Earthquake से हिले

17 Feb 2025: Fact Recorder
Earthquake in Bihar Haryana: दिल्ली-NCR के बाद बिहार और हरियाणा में भी भूकंप आया, जिसके झटकों से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। बिहार के सिवान जिले की धरती भूकंप से हिली, जिसकी तीव्रता पर 4 के करीब ही रही।

दिल्ली-NCR के बाद बिहार और हरियाणा में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 और इसका केंद्र सिवान में धरती के नीचे 10 किलोमीटर की गहराई में मिला। यह भूकंप 8 बजकर 2 मिनट पर आया।

वहीं सुबह दिल्ली-NCR में आया भूकंप हरियाणा के 5 जिलों में भी महसूस हुआ। आज सुबह करीब 5:36 बजे सोनीपत, रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बहादुरगढ़ में लोगों ने भूकंप के जोरदार झटके महसूस हुए। इस भूकंप की तीव्रता भी रिक्टर स्केल पर 4 ही रही और इन जिलों के लोग भी अपने घरों ने निकल बाहर सड़कों पर आ गए थे।

2 प्लेटों के खिसकते से आता है भूकंप

बता दें कि आज सुबह दिल्ली, हरियाणा, बिहार की धरती भूकंप से हिल गई। तीनों राज्यों में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई। इन राज्यों में अकसर भूकंप आता है, लेकिन क्यों? इस सवाल का जवाब भूकंप वैज्ञानिक समय-समय पर देते रह हैं और एक बार फिर जान लेते हैं। दरअसल, भूकंप धरती की टेक्टोनिक प्लेटों में हलचल होने के कारण आते हैं। यह प्लेटें पृथ्वी की सबसे बाहरी परत के नीचे बनी हैं, जिसे क्रस्ट कहते हैं। जब पृथ्वी की सतह के 2 ब्लॉक खिसकते हुए एक दूसरे से टकराते हैं तो इस टक्कर के परिणामस्वरूप ऊर्जा निकलती है और भूकंप आता है।

इस वजह से आता है भूकंप

वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप का उद्गम स्थल, जो पृथ्वी की सतह के नीचे होता है, उसे फोकस पॉइंट कहा जाता है। फोकस के ऊपर भूकंप की तरंगें जहां से निकलती हैं, उसे एपिसेंटर कहा जाता है। एक बार जब फोकस पर ऊर्जा निकलती है तो एपिसेंटर से होते हुए भूकंपीय तरंगें बाहर की ओर निकलती हैं, जिससे जमीन हिलती है।

 

दिल्ली-NCR और उत्तर भारत भूकंप के प्रति संवेदनशील इसलिए है, क्योंकि यह एरिया हिमालय की तलहटी में बसा है। भारतीय टेक्टोनिक प्लेट्स और नेपाली टेक्टोनिक प्लेट्स के ऊपर हिमालय का निर्माण हुआ है। इसलिए जब इन दोनों ब्लॉक की प्लेट्स आपस में टकराती हैं तो उत्तर भारत और नेपाल में इस टकराव से भूकंप आता है। अगर भूकंप दोनों देशों के बीचों-बीच आया तो तीव्रता ज्यादा और खतरनाक रहेगी।