GST में होने वाला है बड़ा बदलाव! जानिए आपकी जेब पर क्या पड़ेगा असर

16 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Business Desk: GST में बड़ा बदलाव तय! 12% टैक्स स्लैब खत्म करने की तैयारी, जानिए इसका आप पर क्या असर पड़ेगा                                                                                                                   देश की टैक्स प्रणाली में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के मौजूदा 12% टैक्स स्लैब को खत्म करने की योजना बना रही है। इसकी जगह उन उत्पादों को या तो 5% या 18% के स्लैब में रखा जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है और अब यह मुद्दा GST काउंसिल की अगली बैठक में रखा जाएगा, जो संसद के मानसून सत्र के बाद अगस्त में हो सकती है।

क्या है GST बदलाव का प्लान?
वर्तमान में जीएसटी के तहत मुख्य रूप से पांच टैक्स स्लैब हैं: 0%, 5%, 12%, 18% और 28%। इसके अलावा सोना-चांदी जैसे कीमती धातुओं के लिए 0.25% और 3% के दो विशेष स्लैब भी हैं। अब सरकार का प्रस्ताव है कि 12% स्लैब को पूरी तरह खत्म कर, इसमें शामिल वस्तुओं और सेवाओं को या तो 5% या 18% के टैक्स दायरे में रखा जाए।

इस कदम से टैक्स ढांचे को सरल बनाने और प्रक्रिया को पारदर्शी करने की कोशिश की जा रही है। वित्त मंत्रालय ने इस बदलाव के लिए राज्यों से बातचीत शुरू कर दी है, क्योंकि GST से जुड़े किसी भी फैसले को लागू करने के लिए राज्यों की सहमति जरूरी होती है।

यह बदलाव क्यों जरूरी है?
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस सुधार का उद्देश्य टैक्स ढांचे को सरल बनाकर उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों को राहत देना है।

5% स्लैब में वर्तमान में 21% वस्तुएं आती हैं

12% स्लैब में 19% वस्तुएं

18% स्लैब में 44% वस्तुएं

जबकि 28% स्लैब में सिर्फ 3% वस्तुएं शामिल हैं

12% स्लैब हटने से टैक्स सिस्टम ज्यादा स्पष्ट और सुगम हो जाएगा। उद्योग जगत लंबे समय से मौजूदा जटिल स्लैब प्रणाली को लेकर शिकायतें कर रहा है। सांसदों ने भी संसद में जीएसटी से जुड़ी परेशानियों को उठाया है।

क्या होगा आम आदमी और कारोबारियों पर असर?
अगर कोई वस्तु 12% से 5% में आती है, तो वह सस्ती हो सकती है

वहीं अगर उसे 18% स्लैब में डाला गया, तो वह महंगी हो सकती है

कारोबारी प्रक्रिया सरल होने से क्लेरिकल व टैक्स कंप्लायंस की लागत घटेगी

सरकार का मानना है कि यह बदलाव अर्थव्यवस्था को गति देगा और भारत को वैश्विक निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा।

कब लागू होंगी नई दरें?
अगर GST काउंसिल इस प्रस्ताव को हरी झंडी देती है, तो नई टैक्स दरें जल्दी लागू हो सकती हैं। हालांकि, इसके लिए सभी राज्यों की सहमति जरूरी है। मंत्रालय राज्यों को सहमत करने के लिए सक्रियता से काम कर रहा है।

साथ ही, सरकार इन्कम टैक्स कानून में भी बदलाव की तैयारी में है, जिसे संसद के मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है।

उपकर (Cess) की व्यवस्था का क्या होगा?
जब जीएसटी लागू हुआ था, तब राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए सिगरेट, लक्ज़री कारों जैसी वस्तुओं पर 28% टैक्स के साथ उपकर लगाया गया था। यह मुआवजा उपकर पहले जून 2022 तक था, लेकिन अब इसे मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है ताकि कोविड काल में लिए गए 2.69 लाख करोड़ रुपये के कर्ज की भरपाई की जा सके।

जीएसटी काउंसिल ने इसके लिए एक मंत्री समूह भी बनाया है, जो तय करेगा कि उपकर से जमा शेष राशि का उपयोग कैसे किया जाएगा।

निष्कर्ष:
GST में यह प्रस्तावित बदलाव देश की टैक्स प्रणाली को और सरल और पारदर्शी बना सकता है। आम उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। जहां कुछ वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं, वहीं कुछ महंगी भी हो सकती हैं। अब सबकी नजरें GST काउंसिल की अगली बैठक पर टिकी हैं, जहां इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर अंतिम फैसला होगा।