Punjab Kisan Andolan LIVE Video Update; Haryana Shambhu Khanauri Border Bulldozer Action | Jagjit Dallewal | दिल्ली-पटियाला हाईवे का खनौरी बॉर्डर आज खुलेगा: शंभू बॉर्डर खुलने से पंजाब से हरियाणा-दिल्ली आने-जाने वालों को राहत, पंधेर-डल्लेवाल अभी हिरासत में – Patiala News

शंभू, खनौरी और कुंडली बॉर्डर पर की बैरिकेडिंग को हरियाणा पुलिस ने तोड़ दिया।

हरियाणा-पंजाब का खनौरी बॉर्डर भी आज, शुक्रवार (21 मार्च) ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा। इससे जींद-संगरूर के रास्ते दिल्ली और पटियाला आने-जाने वालों को राहत मिलेगी।

वहीं शंभू बॉर्डर की दोनों लेन गुरुवार को ही खोल दी गईं थी। जिस वजह से पंजाब से हरियाणा और दिल्ली आने-जाने वालों को बड़ी राहत मिली है। ये दोनों ही बॉर्डर किसानों के प्रदर्शन की वजह से 13 महीने से बंद थे।

शंभू और खनौरी बॉर्डर खुलने के बाद हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से सटे कुंडली बॉर्डर पर लगाई बैरिकेडिंग भी हटा ली है।

वहीं किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। पंजाब में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब पुलिस ने इस आंदोलन की अगुआई करने वाले SKM (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत डल्लेवाल और किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण पंधेर को अभी भी हिरासत में ही रखा है।

शंभू-खनौरी बॉर्डर बंद होने और खुलने की 13 महीने की पूरी कहानी…

किसान दिल्ली जाने से रोके तो शंभू बॉर्डर पर रोके फसलों की MSP की कानूनी गारंटी को लेकर पंजाब के किसान 12 फरवरी को दिल्ली जाने के लिए निकले थे। इसका पता चलते ही हरियाणा पुलिस ने उन्हें अंबाला-पटियाला के बीच शंभू बॉर्डर और संगरूर-जींद के बीच खनौरी बॉर्डर पर ही रोक लिया। किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए। इससे नाराज किसान वहीं धरना लगाकर दिल्ली जाने की जिद पर अड़ गए। यह देख हरियाणा पुलिस ने दोनों बॉर्डर पर सीमेंट की पक्की बैरिकेडिंग कर दी। किसान पंजाब वाली साइड शेड बनाकर बैठ गए। इधर, बैरिकेडिंग पर हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दी गई।

ये फोटो फरवरी 2024 की है। पंजाब से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियां लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक लिया था।

ये फोटो फरवरी 2024 की है। पंजाब से किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियां लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक लिया था।

केंद्र से 7 मीटिंग बेनतीजा रहीं, 4 बार दिल्ली मार्च की कोशिश किसानों के आंदोलन से पहले ही केंद्र सरकार भी एक्टिव हुई। किसानों से पहली मीटिंग 8 फरवरी 2024 को हुई। जिसमें किसान MSP पर गारंटी कानून की मांग पर अड़े रहे। 4 दिन बाद 12 फरवरी को फिर मीटिंग हुई। इसके बाद 15 और 18 फरवरी यानी 10 दिन में 4 बार वार्ता हुई लेकिन हल नहीं निकला। तब तक किसानों ने अनिश्चितकालीन धरना लगा दिया। जिसके बाद केंद्र से वार्ता बंद हो गई। इसी बीच किसानों ने दिसंबर महीने में 4 बार दिल्ली कूच की कोशिश की लेकिन चारों बार हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर रोक लिया।

ये तस्वीर 6 दिसंबर 2024 की है। दिल्ली के लिए रवाना हुए किसानों पर शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले दागे गए, जिसमें कई किसान घायल हुए थे।

ये तस्वीर 6 दिसंबर 2024 की है। दिल्ली के लिए रवाना हुए किसानों पर शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले दागे गए, जिसमें कई किसान घायल हुए थे।

हाईकोर्ट से मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, डल्लेवाल के अनशन पर वार्ता शुरू केंद्र के वार्ता न करने से शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई। हाईकोर्ट ने एक महीने में शंभू बॉर्डर खोलने को कहा। हरियाणा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए कमेटी बना दी। इसी बीच नवंबर महीने में किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने अनशन शुरू कर दिया। जिसके बाद केंद्र फिर वार्ता के लिए राजी हुआ। 14 फरवरी को चंडीगढ़ में वार्ता हुई लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। 22 फरवरी को फिर मीटिंग हुई लेकिन किसानों ने MSP पर गारंटी कानून बनने तक आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया।

ये तस्वीर 6 जनवरी की है। आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। वे करीब एक घंटे तक बेहोश रहे थे।

ये तस्वीर 6 जनवरी की है। आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। वे करीब एक घंटे तक बेहोश रहे थे।

पंजाब सरकार का आंदोलन हटाने का फैसला, 72 घंटे पहले प्लानिंग किसान आंदोलन के चलते शंभू बॉर्डर बंद होने से पंजाब के कारोबारियों को नुकसान हो रहा था। इससे पंजाब सरकार बॉर्डर खुलवाने का दबाव बन रहा था। सरकार ने केंद्र-किसानों के बीच मध्यस्थता की। किसानों को भी मनाने की कोशिश की लेकिन वह धरना हटाने पर राजी नहीं हुए। इसके बाद पंजाब सरकार ने 72 घंटे पहले तैयार कर ली कि आंदोलन को पुलिस के जरिए बलपूर्वक हटाया जाएगा। इसके लिए 19 मार्च का दिन चुना गया। उस दिन केंद्रीय मंत्रियों की चंडीगढ़ में किसान नेताओं से मीटिंग थी। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन की अगुआई करने वाले ज्यादातर किसान नेता मीटिंग में शामिल होने पहुंचने वाले थे।

मीटिंग शुरू होने से पहले फोर्स भेजी, खत्म होने के बाद पंधेर-डल्लेवाल हिरासत में लिए 19 मार्च को चंडीगढ़ में केंद्र-किसानों की मीटिंग 11 से 3 बजे तक यानी 4 घंटे चली। यहां से शंभू बॉर्डर लौट रहे सरवण पंधेर को मोहाली की एयरपोर्ट रोड से हिरासत में ले लिया गया। अनशन पर बैठे डल्लेवाल एंबुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, उन्हें संगरूर में घेर लिया गया। पुलिस एंबुलेंस समेत डल्लेवाल को लेकर चली गई। इसके बाद तुरंत पंजाब पुलिस ने खनौरी और शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाना शुरू कर दिया। जो अड़े, उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

19 मार्च को शंभू बॉर्डर पर किसानों के शेडों पर बुलडोजर चलाया गया था। यहां बैठे किसानों को पंजाब पुलिस उठाकर ले गई थी।

19 मार्च को शंभू बॉर्डर पर किसानों के शेडों पर बुलडोजर चलाया गया था। यहां बैठे किसानों को पंजाब पुलिस उठाकर ले गई थी।

हरियाणा पुलिस ने 10 घंटे में शंभू बॉर्डर खोला, खनौरी से भी बैरिकेडिंग हटाई पंजाब पुलिस के किसानों को हटाते ही गुरुवार(20 मार्च) को हरियाणा पुलिस भी एक्शन में आई। सुबह करीब साढ़े 8 बजे पुलिस बुलडोजर लेकर बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए पहुंच गई। दोपहर डेढ़ बजे तक पुलिस ने पटियाला से अंबाला जाने वाला हिस्सा खोल दिया। फिर शाम साढ़े 6 बजे बॉर्डर के दोनों हिस्से खेल दिए गए। वहीं खनौरी बॉर्डर पर भी पुलिस इसी टाइम पहुंची। हरियाणा पुलिस ने अपनी दोनों लेन की बैरिकेडिंग हटा दी। पंजाब की तरफ ट्रैक्टर होने की वजह से ट्रैफिक चालू नहीं हो सका।