स्वामी अवधेशानंद जी गिरि: अच्छे विचार से प्रसन्नता और आनंद मिलता है, ग्रंथ पढ़ने से शुभ विचार बनते हैं।

19 March 2025: Fact Recorder

अंत:करण का अर्थ है मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार। इन चारों चीजों में प्रसन्नता, आनंद और उल्लास तभी मिलता है, जब हमारे संकल्प और विचार शुभ हैं। हमारे ग्रंथ इन सभी दिव्यताओं को देते हैं। इसलिए जो व्यक्ति निरंतर ग्रंथों का अध्ययन करते हैं, उनके विचारों में एकता रहती है, विचार पवित्र रहते हैं, बुद्धि सही निर्णय लेती है, वृत्तियां भी अनुकूल रहती हैं, अहंकार खत्म हो जाता है। हम सही तभी हो सकते हैं, जब हमारे पास सही विचार रहें।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हमारे निर्णय कब सही हो सकते हैं?