Holi Shubh Muhurat 2025; Holi 2025, kharmas significance, sun in Pisces, surya ka rashi parivartan, surya meen rashi me | होलाष्टक खत्म, लेकिन शादी के मुहूर्त एक महीना और नहीं: आज से शुरू हुआ खरमास, 14 अप्रैल से मिलेंगे विवाह के मुहूर्त

5 दिन पहले

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आज (14 मार्च) होलाष्टक खत्म हो गया है, लेकिन विवाह के लिए एक महीना और शुभ मुहूर्त नहीं हैं। आमतौर पर होलाष्टक के बाद विवाह, मुंडन जैसे मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त मिलना शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस साल 14 मार्च से खरमास शुरू हो गया है, इस कारण अब 14 अप्रैल से विवाह के मुहूर्त मिलेंगे। आज चंद्र ग्रहण भी है, लेकिन ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इस कारण इसका सूतक नहीं है।

खरमास में कर सकते हैं खरीदारी

इस महीने में विवाह जैसे मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं, लेकिन इस महीने में विवाह से जुड़ी चीजें जैसे ज्वेलरी, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी की जा सकती है, वाहन भी खरीद सकते हैं। नए घर की बुकिंग भी इस महीने की जा सकती है।

होलाष्टक में मांगलिक कार्यों के मुहूर्त क्यों नहीं होते हैं?

  • होलाष्टक यानी होली से पहले के आठ दिन। इन आठ दिनों में मांगलिक कार्य के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा कहते हैं –
उद्धरण

होलाष्टक के दिनों ग्रहों की स्थिति उग्र (अशुभ) रहती है। फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को चंद्र, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल, पूर्णिमा को राहु उग्र रहता है। मांगलिक कामों में सभी ग्रहों की शुभ स्थिति देखी जाती है, तभी इन कामों के लिए मुहूर्त मिलते हैं। अगर ग्रह उग्र स्थिति में होते हैं तो मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं।

उद्धरण

खरमास किसे कहते हैं?

  • आज (14 मार्च) सूर्य ने मीन राशि में प्रवेश किया है। ये ग्रह 13 अप्रैल तक इसी राशि मे रहेगा। सूर्य जब धनु या मीन राशि में रहता है, तब खरमास होता है।
  • खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ जैसे मांगलिक संस्कारों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं।
  • गुरु यानी देवगुरु बृहस्पति धनु और मीन राशि का स्वामी है। सूर्य सभी 12 राशियों में चक्कर लगाता है और एक राशि में करीब एक महीना ठहरता है। इस तरह सूर्य एक साल में सभी 12 राशियों का एक चक्कर पूरा लगा लेता है।
  • ज्योतिष की मान्यता है कि सूर्य जब धनु या मीन राशि में होता है, तब अपने गुरु बृहस्पति की राशि यानी गुरु के घर में रहता है और गुरु की सेवा करता है।

खरमास में मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त क्यों नहीं रहते हैं?

ज्योतिषीय मान्यता

  • सूर्य जब गुरु ग्रह की धनु या मीन राशि में रहता है, तब सूर्य और गुरु दोनों ग्रहों की स्थिति कमजोर हो जाती है। मांगलिक कार्य करने के लिए इन दोनों ग्रहों की शुभ स्थिति होनी जरूरी है।
  • इन ग्रहों की कमजोर स्थिति में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि उनमें सफलता मिलने की संभावनाएं काफी कम होती हैं।
  • इस महीने में पूजा-पाठ के साथ ही शास्त्रों का पाठ, सत्संग, मंत्र जप, दान-पुण्य और पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है।

धार्मिक मान्यता

  • किसी भी शुभ काम की शुरुआत में पंचदेवों का पूजन किया जाता है। इन पंचदेवों में गणेश जी, शिव जी, विष्णु जी, देवी दुर्गा और सूर्य देव शामिल हैं। इन पांचों देवताओं की पूजा के बाद ही शुभ काम आगे बढ़ते हैं।
  • खरमास में सूर्य देव अपने गुरु की सेवा में रहते हैं, इस कारण वे हमारे शुभ काम में उपस्थित नहीं हो पाते हैं।
  • सूर्य की अनुपस्थिति में किए गए शुभ काम सफल नहीं होते हैं। इसी मान्यता की वजह से खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं रहते हैं।

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