15 फरवरी 2025
अवैध तरीके से अमेरिका जाने के लिए पंजाब के युवा घर-मकान गिरवी और बैंकों से लोन लेने से भी परहेज नहीं करते। ऐसे लोगों व युवाओं के लिए अमेरिका में कारोबार करने वाले पंजाब के रणजीत सिंह ने गलत रास्ता न अपनाने का संदेश दिया है।
पंजाब के जालंधर के छोटे से गांव से निकल कर अमेरिका में बड़े कारोबारी तक का सफर तय करने वाले रणजीत सिंह उर्फ राणा टुट 44 साल से वहीं रह रहे हैं। वे अपने कारोबार में बुलंदियों को छू चुके हैं, लेकिन उनका दिल हमेशा पंजाब के लिए धड़कता है। अमेरिका में 54 हजार एकड़ में बादाम की पैदावार कर रहे रणजीत सिंह पंजाब में खेलों को बढ़ावा देने लाखों रुपये खर्च करते हैं। वह आलमंड किंग के नाम से विख्यात हैं। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के मामले पर उनका कहना है कि युवाओं को विदेश जाने के लिए गलत रास्ता नहीं अपनाना चाहिए। वह वैध तरीके से विदेश जाएं। इससे उन्हें वहां रोजगार के अच्छे व ज्यादा अवसर मिलेंगे।
जालंधर के गांव परागपुर में 1960 में जन्मे राणा टुट अमेरिका में नामी ट्रांसपोर्टर व बिल्डर भी हैं। वह बादाम के अलावा वाइन ग्रेप्स, सौगी व संतरे की बागवानी भी करते हैं। अमेरिका में 10 हजार एकड़ में बादाम, 3 हजार एकड़ में वाइन ग्रेप्स, 1500 एकड़ में सौगी व 1000 हजार एकड़ में संतरे की खेती करते हैं। बाकी 41,500 एकड़ जमीन पर वह सब्जियां, अनाज व ऑयल सीड उगाते हैं।
खालसा स्कूल जालंधर कैंट से दसवीं पास करने के बाद ही वे विदेश जाना चाहते थे। 19 साल की उम्र में वे अमेरिका चले गए, जहां पर उनके बड़े भाई अमरजीत सिंह, सुरजीत सिंह व प्रीतम सिंह पहले से कारोबार कर रहे थे। उनके भाइयों का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस था। वह वहां खुद भी ट्रक चलाने लगे। मेहनत के बूते उन्होंने पॉल ट्रकिंग के नाम से एक ट्रक से कंपनी की शुरुआत की। 1984 में उनकी कंपनी के पास 80 ट्रक थे। तीन बड़ी कंपनियों ने पॉल ट्रकिंग कंपनी के साथ समझौता किया, तो ट्रकों की संख्या बढ़कर 450 हो गई। 1986 में अमेरिका में जबरदस्त मंदी आई और खेतीबाड़ी की जमीन के भाव तेजी से गिरने लगे। तब उन्होंने जमीन खरीदना शुरू की। 1993 में उन्होंने अमेरिका में बादाम का निर्यात करने लगे।
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