चंडीगढ़ की बिजली हुई प्राइवेट: विरोध में 160 कर्मचारियों ने ली VRS, निजी कंपनी के हुए 860 कर्मचारी

Sat, 01 Feb 2025: Fact Recorder

चंडीगढ़ में अब बिजली वितरण का काम एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी करेगा। शुक्रवार को शेयर समझाैतों पूरा होते ही विभाग के 160 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

चंडीगढ़ की बिजली अब प्राइवेट हो गई है। बिजली वितरण का जिम्मा एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी के हाथों में आ गया है। चंडीगढ़ प्रशासन, ईईडीएल और चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के बीच शेयर खरीद समझौता पूरा हो गया है।

वहीं निजीकरण के विरोध में 160 सरकारी कर्मचारियों ने एक साथ वीआरएस ले ली। स्थिति संभालने के लिए पंजाब-हरियाणा से बुलाए कर्मचारियों ने भी आने से इन्कार कर दिया। सुरक्षा के मद्देनजर बिजली सब-स्टेशनों के पास फायर टेंडर तैनात किए गए हैं।

चंडीगढ़ प्रशासन, एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (ईईडीएल) और चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के बीच शुक्रवार को शेयर खरीद समझौता हुआ। आरपी-संजीव गोयनका (आरपी-एसजी) समूह ने अपनी सहायक कंपनी ईईडीएल के माध्यम से आधिकारिक तौर पर यूटी के बिजली विभाग को अपने हाथों में ले लिया है। अब शनिवार से बिजली विभाग के 860 कर्मचारी निजी कंपनी के कर्मचारी हो गए हैं, जबकि विरोध में 160 कर्मचारियों ने वीआरएस ले ली है। इसमें लाइनमैंन, जेई समेत कई कैटेगरी के मुलाजिम शामिल हैं।

प्रशासन ने 68 कर्मचारी अपने पास रखे हैं, जिनमें 22 दिव्यांग हैं। हस्तांतरित की जाने वाली संपत्तियों में 16 सब-डिवीजन कार्यालय, चार डिवीजन कार्यालय, एक सर्कल कार्यालय और एक नियंत्रण कक्ष शामिल हैं। विभाग का कार्यभार संभालने के बाद कंपनी बिजली बिल जारी करेगी और सभी हेल्पलाइन नंबरों का प्रबंधन करेगी। प्रशासन की तरफ से बताया गया कि ईईडीएल ने कर्मचारी सेवा शर्तों और पेंशन की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, आरक्षित मूल्य से कहीं ज्यादा 871 करोड़ रुपये का निवेश किया है। बता दें कि प्रशासन ने विभाग की पूरी जमीन एक लाख रुपये की लीज पर दी है

कंपनी सेक्टर-34 में स्थापित कर रही हेल्पलाइन सेंटर

एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी पिछले कई महीनों से बिजली विभाग के कार्यों को देख रही है और अपनी तैयारी कर रही थी। उन्होंने सभी सब-डिवीजन कार्यालयों का दौरा किया। हेल्पलाइन सेंटर भी गए और कर्मचारियों से बात की है। बिजली की शिकायतों के लिए कंपनी अब नए हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी। सेक्टर-34 में एक ऑफिस भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा, एक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली भी लांच की जाएगी। हालांकि, यह संशय बना हुआ है कि वर्तमान में हेल्पलाइन सेंटरों पर काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों का क्या होगा, क्या उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा या नहीं।

एक महीने का वेतन बोनस देने की घोषणा

यूनियन नेताओं, निजी कंपनी के प्रतिनिधियों और चंडीगढ़ प्रशासन के बीच वार्ता के बाद शुक्रवार को यूटी पावरमैन यूनियन ने हड़ताल वापस ले ली है। बैठक के दौरान कंपनी ने यूनियन द्वारा प्रस्तावित कई सेवा शर्तों पर सहमति जताई। अगले तीन से चार दिनों में आधिकारिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त कंपनी ने कर्मचारियों के लिए एक महीने का वेतन बोनस देने की घोषणा की है।

सात कंपनियों को पछाड़ एमिनेंट से विभाग खरीदा

बिजली विभाग को खरीदने के लिए एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने 871 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी, जिसे मई 2022 में केंद्रीय कैबिनेट ने आखिरी मंजूरी दी थी। प्रशासन ने पांच साल पहले निजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी। विभाग को खरीदने की दौड़ में कुल सात कंपनियां थीं। इनमें एमिनेंट के अलावा अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड, टाटा पावर, टोरेंट पावर, स्टरलाइट पावर, रिन्यू विंड एनर्जी और एनटीपीसी इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड शामिल थीं।

 

नौजवान किसान एकता ने किया प्रदर्शन, पुलिस ने हिरासत में लिया

बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में नौजवान किसान एकता की तरफ से पिछले करीब एक महीने से रोजाना प्रदर्शन किया जा रहा था। शुक्रवार को किसान भवन से सेक्टर-17 तक के मार्च की घोषणा की गई थी। नौजवान किसान एकता के प्रधान किरपाल सिंह ने बताया कि सभी प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और सेक्टर-34 थाने ले गई। उन्होंने कहा कि निजीकरण का फैसला गलत है। इसके खिलाफ विरोध जारी रहेगा।

 

निजीकरण के बाद क्या होगा 

1. निजीकरण के बाद बदलाव क्या आएगा
सबकुछ पहले जैसा ही रहेगा। जो सरकारी कर्मचारी हैं, वो निजी कंपनी के कर्मचारी हो गए हैं। पहले के जैसे ही लोगों को बिजली मिलती रहेगी। दाम में भी बढ़ोतरी नहीं होगी। हेल्पलाइन नंबर भी पुराने ही चलते रहेंगे। कंपनी सेक्टर-34 में अपना कस्टमर केयर सेंटर बना रही है। लोगों के बिल भरने के लिए एप भी लांच होगा।
2. क्या कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में बदलाव होगा
नहीं वेतन और भत्ते जैसे-डीए, एचआरए, टीए, वाहन-वर्दी भत्ता पहले जैसे ही रहेंगे। रिटायरमेंट उम्र भी वही रहेगी। पेंशन और बाकी लाभ भी पहले की तरह जारी रहेंगे। इसके लिए सरकार ने 433.62 करोड के साथ चंडीगढ़ बिजली कर्मचारी मास्टर ट्रस्ट की स्थापना की है, जिसके अध्यक्ष पावर सेक्रेटरी होंगे।
3. बिजली के दाम तो नहीं बढ़ जाएंगे
नहीं, बिजली के दाम कंपनी अपनी मर्जी से नहीं बढ़ा सकेगी। पहले की तरह ही कंपनी की तरफ से संयुक्त विद्युत विनियामक आयोग (जेईआरसी) को पटीशन दायर करनी होगी और जेईआरसी ही फैसला लेगी कि बिजली के दाम बढ़ेंगे या नहीं।
4. प्रमोशन, वेतन वृद्धि और छुट्टी का कैसे रहेगा
वार्षिक प्रदर्शन समीक्षा के आधार पर कर्मचारियों को बोनस और अन्य प्रोत्साहन मिलेंगे। कंपनी का कहना है कि प्रमोशन के अवसर बढ़ेंगे क्योंकि उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें मौके दिए जाएंगे। छुट्टियों की नीति भी पहले जैसी ही रहेगी।
5. क्या कर्मचारियों को दूसरी जगह ट्रांसफर किया जाएगा
नियमों के अनुसार कर्मचारियों को उनकी सहमति के बिना अन्य राज्यों में ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। न ही उनके काम के घंटे बढ़ाए जाएंगे। हालांकि, काम की प्रकृति में कुछ बदलाव हो सकते हैं। अनुकंपा नियुक्तियां भी पहले की तरह जारी रहेंगी। यूनियन भी पहले की तरह बनी रहेगी।
6. कर्मचारी को कोई समस्या आएगी तो वह क्या करेंगे
इसके लिए नीतियों और निर्णय से संबंधित मुद्दों के लिए सीईओ कार्यालय, एचआर प्रमुख, आईटी हेड नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही कर्मचारी चिंता विशेष समिति का गठन होगा। इसमें वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी प्रतिनिधि शामिल होंगे।