15 दिसंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Health Desk: बीते कुछ वर्षों में युवाओं में अचानक होने वाली मौतों को लेकर कई तरह की आशंकाएं सामने आई थीं। इनमें से एक बड़ा सवाल यह भी था कि क्या इन मौतों का संबंध कोरोना वैक्सीन से है। अब इस पर एम्स (AIIMS) दिल्ली की एक विस्तृत स्टडी ने स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी है। अध्ययन में साफ तौर पर कहा गया है कि अचानक होने वाली मौतों का कोविड-19 वैक्सीन से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
एम्स की यह रिसर्च मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच की गई और इसे प्रतिष्ठित इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित किया गया है। इसके साथ ही इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) जैसी संस्थाओं ने भी पुष्टि की है कि भारत में इस्तेमाल की गई कोविड वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं।
वैक्सीन लेने और न लेने वालों में जोखिम समान
स्टडी में 18 से 45 वर्ष की आयु के युवाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। इसमें यह सामने आया कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले और न लगवाने वाले लोगों में अचानक मौत का पैटर्न लगभग समान था। इससे यह स्पष्ट हो गया कि टीकाकरण इन मौतों का कारण नहीं है।
अचानक मौतों की असली वजह क्या?
रिपोर्ट के अनुसार, युवाओं में अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) पाया गया। इस बीमारी में दिल की धमनियों में प्लाक जमने से रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक या अचानक मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा,
सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियां
अनुवांशिक कारण
पहले से मौजूद बीमारियां
और गलत जीवनशैली (धूम्रपान, शराब, तनाव)
भी प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
वैज्ञानिक तरीके से हुई जांच
इस अध्ययन में कुल 180 अचानक मौतों का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने पोस्टमार्टम, वर्बल ऑटोप्सी (परिजनों से विस्तृत जानकारी) और मेडिकल जांच जैसे वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया। दुर्घटना और आत्महत्या के मामलों को इस अध्ययन में शामिल नहीं किया गया था।
युवाओं में बढ़ता हृदय रोग चिंता का विषय
स्टडी में यह भी सामने आया कि जांच किए गए मामलों में से 57.2% मौतें 18 से 45 साल के युवाओं में हुईं, जो बुजुर्गों की तुलना में अधिक हैं। यह आंकड़ा भारत में युवाओं के बीच बढ़ती दिल की बीमारियों की गंभीरता को दर्शाता है।
जीवनशैली सुधारना है जरूरी
विशेषज्ञों के मुताबिक, युवाओं को हृदय स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
तनाव से दूरी
संतुलित और पौष्टिक आहार
नियमित व्यायाम
धूम्रपान और शराब से परहेज
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण
इन उपायों से कोरोनरी आर्टरी डिजीज और अचानक मौत के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
टीकाकरण पर भरोसा बनाए रखने की अपील
एम्स की यह स्टडी कोरोना वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने में अहम साबित हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड वैक्सीन ने लाखों लोगों की जान बचाई है, इसलिए लोगों को अफवाहों से बचते हुए टीकाकरण पर भरोसा बनाए रखना चाहिए और अपनी जीवनशैली सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।
नोट: यह लेख मेडिकल स्टडी और रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।













