17 नवंबर, 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Health Desk: भारत सहित दुनिया भर में युवतियों में तेजी से बढ़ रहे ब्रेस्ट कैंसर के मामलों को लेकर विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि बदलती जीवनशैली, देर से शादी, गर्भधारण में देरी, मोटापा, शराब सेवन और अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ इसके जोखिम को कई गुना बढ़ा रहे हैं। नई दिल्ली में आयोजित दूसरे अंतरराष्ट्रीय स्तन कैंसर सम्मेलन में चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि मौजूदा हालात बेहद चिंताजनक हैं और समय पर जागरूकता ही मौत के जोखिम को कम कर सकती है।
सम्मेलन में विशेषज्ञों ने बताया कि पारिवारिक जीन, हार्मोनल बदलाव और अस्वस्थ आदतें ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख कारण हैं। अत्यधिक वजन, व्यायाम की कमी, धूम्रपान और शराब जैसे कारक बीमारी को और जटिल बनाते हैं। कार्यक्रम में अभिनेत्री महिमा चौधरी भी मौजूद रहीं, जिन्होंने ब्रेस्ट कैंसर से उबरने के बाद महिलाओं को हर साल नियमित जांच कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कई बार यह बीमारी बिना किसी शुरुआती लक्षण के बढ़ती रहती है, ऐसे में सालाना स्क्रीनिंग जरूरी है।
सम्मेलन में विशेषज्ञों ने युवतियों में बढ़ते मामलों पर विशेष चिंता जताई और बताया कि देर से शादी और पहले गर्भ की देरी शरीर को लंबे समय तक एस्ट्रोजन के संपर्क में रखती है, जिससे जोखिम बढ़ जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक, समय रहते जीवनशैली में बदलाव और नियमित जांच से ब्रेस्ट कैंसर की संभावना को काफी कम किया जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में भारत में ब्रेस्ट कैंसर के करीब 1.93 लाख मामले सामने आए थे, जबकि 2024 में यह संख्या 2.38 लाख से भी अधिक हो गई। अनुमान है कि 2025 तक यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। वैश्विक स्तर पर भी स्थिति चिंताजनक है, जहां हर साल लाखों महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आती हैं।