30 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Education Desk: जेएनयू छात्रसंघ चुनाव 2025-26: 20 उम्मीदवार मैदान में, अध्यक्ष पद के लिए सबसे ज्यादा मुकाबला; सेंट्रल पैनल में 30% महिला प्रत्याशी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव इस बार और भी दिलचस्प होने जा रहे हैं। चार पदों वाले सेंट्रल पैनल के लिए कुल 20 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से अध्यक्ष पद के लिए सबसे ज्यादा सात उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि महासचिव और संयुक्त सचिव के लिए पांच-पांच तथा उपाध्यक्ष पद पर तीन उम्मीदवार मैदान में हैं।
महिला उम्मीदवारों की मजबूत उपस्थिति
इस बार सेंट्रल पैनल में करीब 30 फीसदी महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, वहीं काउंसलर पदों पर 25 फीसदी महिलाएं अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं। कुल 9047 छात्र-छात्राएं चार नवंबर को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगी। उसी दिन दो पाली में मतदान होगा — सुबह 9 से 1 बजे तक और दोपहर 2:30 से 5:30 बजे तक। मतगणना उसी रात नौ बजे से शुरू होगी और 6 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे।
वामपंथी गठबंधन बनाम एबीवीपी
वामपंथी छात्र संगठन — ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) — ने इस बार संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारे हैं।
अध्यक्ष पद पर AISA से आदिती मिश्रा,
उपाध्यक्ष के लिए SFI से गोपिका बाबू,
महासचिव के लिए DSF से सुनील यादव,
संयुक्त सचिव के लिए AISA से दानिश अली मैदान में हैं।
यह गठबंधन ABVP को टक्कर देने के लिए बना है। पिछली बार SFI गठबंधन का हिस्सा नहीं था, लेकिन इस बार वह भी साथ है।
अन्य संगठनों की तैयारी
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) ने केवल महासचिव पद पर गोपी कृष्णन यू को उम्मीदवार बनाया है।
बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (BAFSA) ने अध्यक्ष पद पर राज रत्न राजोरिया और महासचिव के लिए शोएब खान को मैदान में उतारा है।
एनएसयूआई (NSUI) ने अध्यक्ष पद पर विकास, उपाध्यक्ष पर शेख शाहनवाज आलम, महासचिव पर प्रीति और संयुक्त सचिव पर कुलदीप ओझा को उतारा है।
प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स एसोसिएशन (PSA) ने अध्यक्ष पद के लिए शिंदे विजयलक्ष्मी को उम्मीदवार बनाया है।
उम्मीदवारों की वैधता पर निर्णय
चुनाव समिति ने स्पष्ट किया है कि राजेश्वर कांत दुबे, शिंदे विजयलक्ष्मी और विकास पटेल का नामांकन वैध माना गया है। तीनों पर प्रॉक्टोरियल जांच चल रही है, लेकिन मामला अदालत में लंबित होने के बावजूद उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई है।
चुनावी गतिविधियों का शेड्यूल
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव हमेशा की तरह इस बार भी विचारधाराओं की टक्कर और छात्र राजनीति में नई दिशा तय करने का मंच बनने जा रहे हैं।