17 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Politics Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जैसे-जैसे बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज़ हो रही है, विपक्षी गठबंधन INDIA के भीतर दरार की खबरों ने सियासी हलचल मचा दी है। सीट बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान के बीच कांग्रेस ने गुरुवार देर रात अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी कर दी, जिसमें कुल 48 नाम शामिल हैं। यह कदम महागठबंधन में बढ़ते मतभेदों का संकेत माना जा रहा है।
बिना औपचारिक समझौते के कांग्रेस की पहली चाल
अब तक INDIA गठबंधन की ओर से सीट शेयरिंग पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई थी, लेकिन कांग्रेस ने इंतजार किए बिना अपने पत्ते खोल दिए। सूत्रों के अनुसार, यह पार्टी की एक रणनीतिक चाल है — पहले उम्मीदवारों की घोषणा कर बातचीत में दबाव बनाना। हालांकि, RJD खेमे ने इसे ‘विश्वासघात’ करार दिया है।
पहले और दूसरे चरण के उम्मीदवार
कांग्रेस की सूची में पहले चरण के लिए 21 और दूसरे चरण के लिए 27 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं।
मुख्य उम्मीदवारों में शामिल हैं:
राजेश राम – बिहार कांग्रेस अध्यक्ष, कुटुंबा सीट से
डॉ. शकील अहमद खान – विधानसभा में पार्टी के नेता, कड़वा सीट से
इंजीनियर नवीन कुमार – बथनाहा (एससी)
पूनम पासवान – कोरहा (एससी)
मनोहर प्रसाद सिंह – मनीहारी (एसटी)
अजीत शर्मा – भागलपुर
डॉ. चंदन यादव – खगड़िया
सीट बंटवारे पर टकराव
कांग्रेस और राजद के बीच बातचीत फिलहाल कहलगांव, वैशाली और जाले सीटों पर अटकी हुई है। इन तीनों सीटों में से दो पर पिछली बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार राजद उन पर दावा ठोक रही है।
दिल्ली में पिछले दो दिनों से लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेतृत्व के बीच कई बैठकें हुईं, पर सहमति नहीं बन पाई। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने खुद लालू प्रसाद को फोन कर विवाद सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी।
नामांकन से ठीक पहले सियासी चाल
नामांकन की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर है। कांग्रेस ने अपनी सूची ठीक उससे कुछ घंटे पहले जारी कर राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश की है। इसे पार्टी की “पहले मैदान में उतरकर मनोवैज्ञानिक बढ़त” की रणनीति माना जा रहा है।
RJD में नाराजगी और बढ़ी खींचतान
RJD खेमे में कांग्रेस की इस चाल से नाराजगी बढ़ गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि इससे महागठबंधन की एकता पर असर पड़ेगा और कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति बन सकती है।
NDA को मिल सकता है फायदा
विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस और राजद के बीच यह टकराव गहराता गया, तो इसका सीधा फायदा NDA गठबंधन को मिल सकता है। भाजपा-जदयू के बीच सीट बंटवारा पहले ही तय हो चुका है और उनकी पहली सूची जारी भी की जा चुकी है।
निष्कर्ष: एकता बनाम महत्वाकांक्षा
बिहार की राजनीति एक बार फिर उस मोड़ पर पहुंच गई है, जहां गठबंधन की मजबूरी और राजनीतिक महत्वाकांक्षा आमने-सामने हैं। कांग्रेस का यह कदम न सिर्फ सीटों की राजनीति का हिस्सा है, बल्कि INDIA गठबंधन की एकजुटता और भरोसे पर भी सवाल खड़ा करता है।
अब नज़रें इस पर टिकी हैं कि लालू-तेजस्वी और राहुल गांधी आने वाले दिनों में “डैमेज कंट्रोल” कर पाते हैं या बिहार चुनाव 2025, INDIA गठबंधन के लिए पहला बड़ा इम्तिहान साबित होगा।













