14 अक्टूबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Business Desk: एन. चंद्रशेखरन को टाटा ट्रस्ट से तीसरे कार्यकाल की मंजूरी, सेवानिवृत्ति नीति में बड़ा बदलाव
टाटा ट्रस्ट ने टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के संभावित तीसरे कार्यकाल को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय न केवल समूह की सेवानिवृत्ति नीति में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है, बल्कि ट्रस्ट द्वारा उनके नेतृत्व पर जताए गए गहरे विश्वास और स्थिरता को भी दर्शाता है।
चंद्रशेखरन का मौजूदा कार्यकाल फरवरी 2027 में समाप्त होगा, जब वह 65 वर्ष के हो जाएंगे। अब तक टाटा समूह की नीति के अनुसार, अधिकारी 65 वर्ष की उम्र में कार्यकारी जिम्मेदारियों से हट जाते थे, लेकिन यह पहली बार होगा जब कोई टाटा नेता सेवानिवृत्ति की उम्र पार करने के बाद भी पूर्ण कार्यकारी पद पर बने रहेंगे।
इस प्रस्ताव को नोएल टाटा और वेणु श्रीनिवासन ने 11 सितंबर को ट्रस्ट की बैठक में रखा था, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। अब टाटा संस के बोर्ड से इस पर औपचारिक मुहर लगाई जाएगी।
सफल नेतृत्व और नए युग की दिशा
चंद्रशेखरन ने जनवरी 2017 में टाटा संस के चेयरमैन का पद संभाला था। उनके नेतृत्व में समूह ने पिछले पांच वर्षों में आय दोगुनी, शुद्ध लाभ तिगुना, और बाजार पूंजीकरण में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2024-25 में टाटा समूह की सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों का कुल राजस्व 15.34 लाख करोड़ रुपये और शुद्ध लाभ 1.13 लाख करोड़ रुपये रहा।
टाटा संस की कुल संपत्ति भी 2018 के 43,252 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। हालांकि हाल के एक वर्ष में समूह का बाजार पूंजीकरण 6.9 लाख करोड़ घटकर 10 अक्तूबर 2025 तक 26.5 लाख करोड़ रह गया, लेकिन लंबी अवधि में यह अब भी मजबूत स्थिति में है।
रणनीतिक परियोजनाओं की निरंतरता
चंद्रशेखरन के तीसरे कार्यकाल के पीछे एक प्रमुख कारण उनकी अधूरी लेकिन अहम परियोजनाएं हैं — सेमीकंडक्टर निर्माण, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी उत्पादन, और एअर इंडिया का पुनर्गठन। समूह मानता है कि इन महत्वाकांक्षी योजनाओं को साकार करने के लिए निरंतर नेतृत्व और अनुभवी मार्गदर्शन बेहद जरूरी है।
टाटा ट्रस्ट का यह फैसला समूह के लिए एक नई रणनीतिक स्थिरता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।













