दफ़्तर जिला लोक संपर्क अधिकारी, मानसा
पी.ए.यू. कृषि विज्ञान केंद्र, मानसा द्वारा अधिक वर्षा से प्रभावित खेतों का दौरा
मानसा, 09 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Punjab Desk: पी.ए.यू. कृषि विज्ञान केंद्र मानसा द्वारा फसलों पर अधिक वर्षा के नकारात्मक प्रभाव का आकलन करने के लिए खेतों का दौरा किया गया। नरमे की फसल में लगातार पानी भराव के कारण फसल में पोषक तत्वों की कमी देखने को मिली और कई स्थानों पर पत्ते पीले हो गए।
कृषि विज्ञान केंद्र मानसा के डिप्टी डायरेक्टर (प्रशिक्षण) डॉ. गुरदीप सिंह ने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि वे खेतों से पानी निकासी का प्रबंध करें और फसल को तुरंत पोषक तत्व उपलब्ध कराने के लिए पोटाशियम नाइट्रेट (13:0:45) के 02% घोल के एक सप्ताह के अंतराल पर 04 छिड़काव करें।
सहायक प्रोफेसर (पौध संरक्षण) डॉ. रणवीर सिंह ने किसानों को बताया कि वे नरमे की फसल से खरपतवार निकालने का प्रबंधन करें, क्योंकि ये फसल में नमी बढ़ाते हैं, जिससे हरे तेला (green aphid) का प्रकोप बढ़ जाता है। नरमे पर हरे तेला दिखाई देने पर 300 मिलीलीटर कीफेन 15 ईसी (टोलफेनपायरेड) या 80 ग्राम उलाला 50 डब्ल्यूजी (फ्लोनिकामिड) का छिड़काव करें। अधिक नमी के कारण नरमे पर पत्तों के धब्बों की बीमारी भी आ सकती है। इस रोग से बचाव के लिए 200 मिलीलीटर एमिस्टार टॉप 325 एससी (एजोक्सीस्ट्रोबिन + डाईफेनोकोनाज़ोल) को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
उन्होंने कहा कि धान और बासमती की फसल में नाइट्रोजन की कमी दिखने पर 3% यूरिया का स्प्रे करें। धान में झुकाव (lodging) कम करने के लिए जब धान गाभ में हो, तब 1.5% पोटाशियम नाइट्रेट (3 किलो पोटाशियम नाइट्रेट 200 लीटर पानी में प्रति एकड़) का छिड़काव करें। धान की फसल में वर्तमान मौसम के दौरान झूठी कांगनी (false smut) बढ़ सकती है। इसकी रोकथाम के लिए 500 ग्राम कोसाइड 46 डीएफ की पहली स्प्रे तब करें जब धान गाभ में हो और दूसरी स्प्रे 400 मिलीलीटर गैलीलियो वे 18.76 एससी की 10-15 दिन बाद 200 लीटर पानी प्रति एकड़ की दर से करें।