09 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Chandigarh Desk: यूटी प्रशासन ने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में 6 सितंबर को हुई यूनेस्को बैठक में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के लिए नई विकास योजना प्रस्तुत की। इस बैठक में मुख्य सचिव राजीव वर्मा, चीफ आर्किटेक्ट राजीव कुमार मेहता और सीनियर आर्किटेक्ट संगीता बग्गा शामिल हुए।
नए प्रस्ताव की मुख्य बातें
संशोधित हॉलिस्टिक डेवलपमेंट प्लान के तहत निर्माण का दायरा घटाकर केवल दो लाख वर्ग फुट किया गया है। इसमें 16 नए कोर्ट, वकीलों के चैंबर, प्रशासनिक ब्लॉक, कैफेटेरिया और पार्किंग जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। सभी निर्माण मौजूदा हाईकोर्ट परिसर में होंगे, लेकिन धरोहर इमारतों से पर्याप्त दूरी पर रखे जाएंगे। जगह की कमी को देखते हुए बहुमंजिला इमारतों की योजना बनाई गई है। वर्तमान में हाईकोर्ट में रोजाना 10 हजार वकील, 3300 कर्मचारी, हजारों याचिकाकर्ता और करीब 10 हजार वाहन आते हैं।
यूनेस्को की प्रतिक्रिया और आगे की प्रक्रिया
यूनेस्को की टीम ने इस संशोधित प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। अधिकारियों के मुताबिक, बैठक के मिनट्स ऑफ मीटिंग 20 दिनों में मिल सकते हैं, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
पिछली योजना पर आपत्तियाँ
इससे पहले यूनेस्को और उसकी सहयोगी संस्था आईकोमोस ने पुरानी योजना पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि इससे कैपिटल कॉम्प्लेक्स की विश्व धरोहर पहचान (ओयूवी) को नुकसान हो सकता है। इसी कारण अंडरग्राउंड पार्किंग और एसी चिलर प्लांट जैसी योजनाओं को रोकना पड़ा था।
हेरिटेज इम्पैक्ट असेसमेंट
यूटी प्रशासन ने परियोजना के प्रभावों को समझने के लिए हेरिटेज इम्पैक्ट असेसमेंट (एचआईए) कराया था। 2023 की आईकोमोस समीक्षा में हाईकोर्ट की पिछली ग्रीन बेल्ट और खुली जगहों को संरक्षित करने की सिफारिश की गई थी। साथ ही यह भी स्वीकार किया गया कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए विस्तार आवश्यक है।
👉 अब सभी की निगाहें यूनेस्को की आधिकारिक रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे हाईकोर्ट विस्तार योजना को हरी झंडी मिलने की संभावना बढ़ गई है।