एतिदाल सिस्टम की वजह से सुरक्षित है सऊदी अरब, वरना मिनटों में जल सकता है खाक

सऊदी अरब: एतिदाल केंद्र ने डिकोड किए 1.29 करोड़ चरमपंथी संदेश, बड़े हमलों की साजिश नाकाम सऊदी अरब के एतिदाल केंद्र ने खुलासा किया है कि उसने पिछले एक साल में करीब 1.29 करोड़ चरमपंथी संदेशों को डिकोड किया, जिनमें से अधिकांश का मकसद देश में हिंसा और आगजनी फैलाना था। अगर यह सिस्टम न होता, तो सऊदी अरब कई गंभीर आतंकी घटनाओं की चपेट में आ सकता था। 66% संदेश हिंसा भड़काने वाले एतिदाल की रिपोर्ट के अनुसार, डिकोड किए गए संदेशों में से 66% सीधे हिंसा भड़काने से जुड़े थे, जबकि 34% सामान्य जानकारी वाले थे। इन संदेशों का समय रहते पता चलने से देशभर में संभावित झड़पों और हिंसा की घटनाओं को रोका जा सका। एतिदाल क्या है? सऊदी अरब ने 2017 में अमेरिका के सहयोग से ग्लोबल सेंटर फॉर काउंटरिंग एक्सट्रीमिज्म यानी एतिदाल की स्थापना की थी। डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर शुरू हुई इस संस्था का मकसद चरमपंथ और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखना और सरकार को तुरंत अलर्ट करना है। यह एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है और टेक्नोलॉजी आधारित मॉनिटरिंग करता है। इसमें 12 निदेशक सदस्य नियुक्त किए जाते हैं। टेलीग्राम पर सबसे ज्यादा एक्टिव रिपोर्ट में बताया गया कि चरमपंथी सबसे ज्यादा टेलीग्राम पर सक्रिय हैं। 2025 की पहली तिमाही में एतिदाल ने यहां से 30 लाख से ज्यादा संदेश निष्प्रभावी किए और 1200 से अधिक चैनल ब्लॉक कर दिए। यह केंद्र अलग-अलग भाषाओं में आए संदेशों को तुरंत डिकोड करता है और फिर सुरक्षा एजेंसियां कार्रवाई करती हैं। सऊदी में सक्रिय आतंकी संगठन फिलहाल सऊदी अरब में अल-कायदा इन द अरबियन पेनिनसुला (AQAP), हिजबुल्लाह अल हिजाज और अल-मुहाजिरून जैसे आतंकी संगठन सक्रिय हैं। मक्का की ग्रैंड मस्जिद होने के कारण सऊदी अरब हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं का केंद्र रहता है। ऐसे में यहां किसी भी आतंकी वारदात से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी किरकिरी हो सकती है।

08 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

International Desk:  सऊदी अरब: एतिदाल केंद्र ने डिकोड किए 1.29 करोड़ चरमपंथी संदेश, बड़े हमलों की साजिश नाकाम                                                                                                            सऊदी अरब के एतिदाल केंद्र ने खुलासा किया है कि उसने पिछले एक साल में करीब 1.29 करोड़ चरमपंथी संदेशों को डिकोड किया, जिनमें से अधिकांश का मकसद देश में हिंसा और आगजनी फैलाना था। अगर यह सिस्टम न होता, तो सऊदी अरब कई गंभीर आतंकी घटनाओं की चपेट में आ सकता था।

66% संदेश हिंसा भड़काने वाले
एतिदाल की रिपोर्ट के अनुसार, डिकोड किए गए संदेशों में से 66% सीधे हिंसा भड़काने से जुड़े थे, जबकि 34% सामान्य जानकारी वाले थे। इन संदेशों का समय रहते पता चलने से देशभर में संभावित झड़पों और हिंसा की घटनाओं को रोका जा सका।

एतिदाल क्या है?
सऊदी अरब ने 2017 में अमेरिका के सहयोग से ग्लोबल सेंटर फॉर काउंटरिंग एक्सट्रीमिज्म यानी एतिदाल की स्थापना की थी। डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर शुरू हुई इस संस्था का मकसद चरमपंथ और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखना और सरकार को तुरंत अलर्ट करना है। यह एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है और टेक्नोलॉजी आधारित मॉनिटरिंग करता है। इसमें 12 निदेशक सदस्य नियुक्त किए जाते हैं।

टेलीग्राम पर सबसे ज्यादा एक्टिव
रिपोर्ट में बताया गया कि चरमपंथी सबसे ज्यादा टेलीग्राम पर सक्रिय हैं। 2025 की पहली तिमाही में एतिदाल ने यहां से 30 लाख से ज्यादा संदेश निष्प्रभावी किए और 1200 से अधिक चैनल ब्लॉक कर दिए। यह केंद्र अलग-अलग भाषाओं में आए संदेशों को तुरंत डिकोड करता है और फिर सुरक्षा एजेंसियां कार्रवाई करती हैं।

सऊदी में सक्रिय आतंकी संगठन
फिलहाल सऊदी अरब में अल-कायदा इन द अरबियन पेनिनसुला (AQAP), हिजबुल्लाह अल हिजाज और अल-मुहाजिरून जैसे आतंकी संगठन सक्रिय हैं। मक्का की ग्रैंड मस्जिद होने के कारण सऊदी अरब हर साल करोड़ों श्रद्धालुओं का केंद्र रहता है। ऐसे में यहां किसी भी आतंकी वारदात से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी किरकिरी हो सकती है।