प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना देगी युवा शक्ति के सपनों को नई उड़ान

भारत की विकास गाथा हमेशा से उसकी श्रम शक्ति द्वारा लिखी गई है। देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में करोड़ों श्रमिकों के समर्पण और क्षमता की महत्वपूर्ण
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04 सितम्बर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Himachal Desk: भारत की विकास गाथा हमेशा से उसकी श्रम शक्ति द्वारा लिखी गई है। देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में करोड़ों श्रमिकों के समर्पण और क्षमता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मेंपिछले 11 वर्षों में भारत की आर्थिक प्रगति ने उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2014 में, भारत विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से आगे बढ़ते हुए आज चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत ने वैश्विक पटल पर अपने लिए एक उल्लेखनीय स्थान बनाया है और इसमें इसके मानव संसाधन की शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

इस सफलता की कहानी को बल देने वाला तथ्य यह है कि भारत के आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। आरबीआई-केएलईएमएस के अनुसारजहां 2004-2014 के बीच केवल 2.9 करोड़ रोजगार सृजित हुए थे, उसके बाद के दशक में 17 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित हुए। औपचारिकीकरण में भी तेजी आई हैईपीएफओ के आंकड़ों के अनुसार पिछले सात वर्षों में लगभग आठ करोड़ नौकरियां सृजित हुई हैं।

भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में बढ़तोरी होना भी हमारी एक बड़ी उपलब्धि है। 2015 मेंकेवल 19 प्रतिशत भारतीय कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत आते थे। 2025 तकयह संख्या बढ़कर 64.3 प्रतिशत हो चुकी है और 94 करोड़ लाभार्थी इसके दायरे में आए हैं, जिससे भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा कवरेज देने वाला देश बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने इस उपलब्धि को वैश्विक स्तर पर कवरेज के सबसे तेज विस्तार में से एक माना है।

यह स्पष्ट है कि राष्ट्र का भविष्य न केवल जीडीपी वृद्धि की गति सेबल्कि हमारे द्वारा सृजित नौकरियों की गुणवत्ताश्रमिकों को दी जाने वाली सुरक्षा और अपने युवाओं को प्रदान किए जाने वाले अवसरों से भी तय होगा। बढ़ते स्वचालनआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कारण बनी अनिश्चितता की स्थितिआपूर्ति-श्रृंखला में बदलाव और दुनिया भर में नौकरियों को आकार देने वाली कई अन्य कमजोरियों की वैश्विक पृष्ठभूमि मेंभारत एक जनसांख्यिकीय परिवर्तन के बिंदु पर खड़ा है।

हमारी 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की हैजो एक महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय लाभांश है जो हमारी अर्थव्यवस्था को गति दे देता हैजबकि पश्चिमी देशों में आबादी वृद्ध होती हो रही है। वर्षों सेभारत के जनसांख्यिकीय लाभांश यानी इसकी युवा शक्ति को इसकी सबसे बड़ी ताकत माना जाता रहा है। फिर भीपिछली सरकारों के अधीनइस क्षमता का पूरा उपयोग नहीं किया गया। अमृत काल में,