कार-बिन बना एचआईवी, नशामुक्ति और स्वच्छता के संदेश का सारथी

समाज में एचआईवी नियंत्रण, नशामुक्ति और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी ने एक अभिनव पहल की है।

फीचरः                                                

करसोग, 31 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Himachal Desk: राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी की समाज को जागरूक बनाने की अभिनव पहल                समाज में एचआईवी नियंत्रणनशामुक्ति और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी ने एक अभिनव पहल की है। इसके तहत टैक्सी चालकों को कार-बिन (कार में रखने योग्य छोटे डस्टबिन) वितरित किए जा रहे हैं। कार-बिन जहां एक ओर गाड़ियों में सफर के दौरान कचरे के निपटान का काम करेंगेवहीं एचआईवीनशामुक्ति और स्वच्छता के संदेश के सारथी भी बनेंगे। इस अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री द्वारा गत 12 अगस्त को किया गया था। अभियान के पहले चरण में लगभग 4 हजार कार-बिन वितरित किए गएजबकि दूसरे चरण में लगभग 6 हजार कार-बिन बांटने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पहल से जुड़कर स्वस्थ और जागरूक समाज निर्माण में योगदान दे सकें।

गांव-गांव तक संदेश पहुंचाने का लक्ष्य                                                                                      प्रदेश सरकार के निर्देशों पर एड्स कंट्रोल सोसायटी के निदेशक राजीव कुमार के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे इस अभियान की अवधि एक माह निर्धारित की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश के लगभग 6 हजार गांवों में टैक्सी चालकों को कार-बिन उपलब्ध करवाए जाएंगे। विचार यह है कि टैक्सी चालक रोजाना बड़ी संख्या में लोगों से मिलते हैं और सफर के दौरान यात्रियों से निरंतर संपर्क में रहते हैं। ऐसे में उनके वाहनों में लगे कार-बिन सवारियों का ध्यान न केवल स्वच्छता की ओर आकर्षित करेंगे बल्कि, एचआईवी और नशे के खिलाफ भी सकारात्मक संदेश देंगे।

करसोग में भी मिला अभियान को बल                                                                                          इस पहल के अंतर्गत करसोग क्षेत्र में भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगभग लगभग 40 टैक्सी चालकों को कार-बिन वितरित किए गए। इस कार्य में करसोग अस्पताल में तैनात आईसीटीसी काउंसलर नंदा शर्मा ने विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि एड्स कंट्रोल सोसायटी के निदेशक राजीव कुमार के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में एचआईवी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना है। साथ ही लोगों को नशामुक्त और स्वच्छ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है।

देशभर में मॉडल                                                                                                                    एचआईवी के प्रसार को रोकने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए जिस नई रणनीति से प्रदेश काम कर रहा हैउसकी सराहना अब अन्य राज्यों में भी की जा रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य एड्स कंट्रोल सोसायटी की रणनीति अब देशभर में मॉडल बनकर उभरी है। यही कारण है कि अनेक राज्य हिमाचल की रणनीतिक पहल का अनुसरण करने लगे हैं। यह उपलब्धि न केवल प्रदेश के लिए गौरव की बात है बल्कि यह दर्शाती है कि छोटे-छोटे प्रयास भी राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा असर डाल सकते हैं।

जन भागीदारी से बड़ा बदलाव                                                                                              अभियान की मुख्य विशेषता यह है कि यह केवल सरकारी पहल तक सीमित नहीं हैबल्कि इसमें जन भागीदारी को केंद्र में रखा गया है। टैक्सी चालकजो आमतौर पर स्वास्थ्य अभियानों का प्रत्यक्ष हिस्सा नहीं बनतेअब इस प्रयास में सक्रिय सहयोगी की भूमिका निभा रहे हैं। उनका हर सफर केवल यात्रियों को मंजिल तक पहुंचाने का साधन नहीं रहेगाबल्कि स्वास्थ्यस्वच्छता और नशा मुक्ति का संदेश लेकर चलेगा।