सुरक्षित मातृत्व की मिसाल: पंजाब सरकार की पहल से बची माँ और बच्चे की जान 

“हमारा लक्ष्य है कि हर माँ सुरक्षित रहे और हर बच्चा स्वस्थ जन्म ले।”: सिविल सर्जन डॉ राज कुमार समय पर हाई रिस्क गर्भवती का

“हमारा लक्ष्य है कि हर माँ सुरक्षित रहे और हर बच्चा स्वस्थ जन्म ले।”: सिविल सर्जन डॉ राज कुमार
समय पर हाई रिस्क गर्भवती का पता लगाने पर ही ऐसी जटिल परिस्थितियों पर काबू पाया जा रहा है: सहायक सिविल डॉ. रोहित गोयल

फ़ाज़िल्का, 19 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर

Health Desk: पंजाब सरकार और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा मातृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में किए गए प्रयास लगातार रंग ला रहे हैं। हाल ही में फ़ाज़िल्का ज़िले के खुईखेड़ा ब्लॉक में एक गर्भवती महिला की ज़िंदगी, स्वास्थ्य टीम की तत्परता और सरकारी योजनाओं की वजह से बचाई जा सकी। यह मामला एक हैंडीकैप्ट महिला तथा दुसरा ज़्यादा वजन व कम हाइट, उच्च जोखिम गर्भावस्था (High Risk Pregnancy) का था, जिसमें समय पर सही उपचार और देखरेख से माँ और बच्चे दोनों सुरक्षित रहे।

समय पर पहचान बनी वरदान

गाँव निहाल खेड़ा की यह क़रीब 27 वर्षीय महिला मंजु धर्मपत्नी परमपाल गर्भावस्था के शुरू से ही अपने नजदीकी गांव में अपनी जाँच करवाती थी।नियमित एएनसी (Antenatal Check-up) के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने पाया कि महिला जिसको पहला बच्चा भी क़रीब 3 साल पहले सरकारी अस्पताल अबोहर में अप्रेशन से हुआ था।उसका वज़न काफ़ी ज़्यादा था और उसका क़द भी कम था और हीमोग्लोबिन की कमी की गंभीर समस्या है। यह स्थिति प्रसव के दौरान जानलेवा साबित हो सकती थी।
इसके इलावा गांव वज़ीदपुरा की महिला करीना धर्मपत्नी आत्मा राम जोकि पैरों से हैंडीकैप्ट है और उसका पहला बच्चा भी अप्रेशन से सरकारी अस्पताल अबोहर में हुआ था।
उक्त दोनों महिलाएँ जोकि हाई-रिस्क डिलीवरी के अंतर्गत आती हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्यरत मंजु, कृष्णा आशा वर्कर, रितु आशा फ़ेस्लीटेटर और एएनएम ने तुरंत इस मामले को ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर और स्वास्थ्य टीम के संज्ञान में डाला।

सरकारी अस्पताल में मिला मुफ़्त इलाज
डिलीवरी के दौरान महिला को पहले फ़ाज़िल्का स्थित सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया। जहाँ से उसे तुरंत सरकारी मैडिकल कॉलेज फरीदकोट के लिए रेफर कर दिया गया। यहाँ माहिर डॉक्टरों की टीम के सहयोग से उसकी पूरी जांच हुई। डॉक्टरों ने उसे विशेष दवाइयाँ दीं और लगातार निगरानी में रखा और उसकी सुरक्षित डिलीवरी पहली अगस्त को करवाई। वहीं दूसरी महिला को अबोहर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी हो गई है। साथ ही ब्लॉक एक्सटेंशन एजुकेटर की मदद से ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति (VHSNC) को सक्रिय किया गया ताकि परिवार को हर प्रकार की सहायता मिल सके।

सिविल सर्जन डॉ. राजकुमार ने बताया कि पंजाब सरकार ने हर ब्लॉक में उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान और उपचार के लिए विशेष इंतज़ाम किए हैं। उन्होंने कहा कि “हमारा लक्ष्य है कि हर माँ सुरक्षित रहे और हर बच्चा स्वस्थ जन्म ले।”

सफल डिलीवरी, स्वस्थ माँ और बच्चा
नियत समय पर महिला की डिलीवरी जिला अस्पताल में सुरक्षित ढंग से करवाई गई। चिकित्सकों ने सीज़ेरियन ऑपरेशन द्वारा एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिलाया। माँ और बच्चे दोनों को कुछ दिनों तक विशेष निगरानी में रखा गया और आज दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।

सहायक सिविल सर्जन व एसएमओ डॉ. रोहित गोयल ने बताया कि पहले ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च जोखिम गर्भावस्था के मामलों में देर से पहचान होने के कारण कई बार जानलेवा स्थितियाँ पैदा हो जाती थीं। लेकिन अब नियमित जांच, समय पर रेफरल और मुफ़्त दवाइयों की सुविधा के कारण ऐसी जटिल परिस्थितियों पर काबू पाया जा रहा है।

परिवार की खुशी और समाज के लिए प्रेरणा
दोनों बच्चों के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग और डॉक्टरों का धन्यवाद करते हुए कहा – “अगर समय पर डॉक्टर और सरकारी अस्पताल की सेवाएँ नहीं मिलतीं, तो शायद मेरी पत्नी और बच्चा आज हमारे बीच न होते। पंजाब सरकार की योजनाओं ने हमें नया जीवन दिया है।”

ब्लॉक एक्सटेंशन एजुकेटर सुशील कुमार ने बताया कि यह सफलता कहानी इस बात का प्रमाण है कि यदि ग्राम स्तर पर आशा वर्कर, आशा फ़ेस्लीटेटर, एएनएम, बीईई और स्वास्थ्य टीम सक्रिय हों, तो हर उच्च जोखिम गर्भावस्था को समय रहते संभाला जा सकता है।

सरकार का लक्ष्य – हर माँ और हर बच्चा सुरक्षित
पंजाब सरकार का “मातृत्व स्वास्थ्य सशक्तिकरण अभियान” और आम आदमी क्लीनिक जैसी योजनाएँ न केवल गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही हैं, बल्कि पूरे समाज को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान कर रही हैं।

यह कहानी केवल एक महिला और उसके परिवार की नहीं, बल्कि पूरे गाँव की है, जिसने यह संदेश दिया है कि “स्वस्थ माँ ही स्वस्थ समाज की नींव है।”  इसके अलावा ब्लाक में काफ़ी ऐसी महिलाएँ हैं जिनकी गर्भावस्था के समय हाई रिस्क की पहचान होने के बाद उनका सरकारी अस्पताल में सुरक्षित प्रसव करवा दिया गया है।