06 अगस्त 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
National Desk: ऑपरेशन सिंदूर में गरजने वाली भारत की स्वदेशी 105 मिमी गन एक बार फिर अपनी धमक लाल किले से सुनाएगी। 15 अगस्त को 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर 21 तोपों की सलामी इसी स्वदेशी लाइट फील्ड गन से दी जाएगी, जिसकी तैयारियां ज़ोरों पर हैं। बीते तीन वर्षों से स्वतंत्रता दिवस पर 21 तोपों की सलामी इन्हीं भारतीय तोपों से दी जा रही है। इससे पहले यह सलामी ब्रिटिश 25 पाउंडर गन से दी जाती थी, लेकिन अब भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हुए स्वदेशी हथियारों का उपयोग कर रहा है।
105 मिमी इंडियन फील्ड गन और लाइट फील्ड गन — इस गन के दो प्रमुख वेरिएंट हैं। इनमें लाइट फील्ड गन हल्की है और इसे हेलिकॉप्टर से किसी भी दुर्गम या पहाड़ी इलाके में आसानी से पहुंचाया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता 16 से 20 किलोमीटर तक की है और यह एक मिनट में 6 राउंड फायर कर सकती है। लाइट फील्ड गन एक उन्नत फील्ड आर्टिलरी सिस्टम है, जिसमें हल्केपन के साथ-साथ जबरदस्त ताकत भी है।
भारतीय सेना में इसे 1982 में शामिल किया गया था और इसका निर्माण ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को करारा जवाब देने में इस गन की अहम भूमिका रही थी, जिसके बाद इसकी मांग तेज़ी से बढ़ी है। इसे ध्यान में रखते हुए अब इसकी संख्या बढ़ाकर 36 करने का फैसला किया गया है। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री (GCF) में 18 नई लाइट फील्ड गन का निर्माण किया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेशी ताकत की यह गूंज भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनेगी।