31 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Himachal Desk: हिमाचल प्रदेश की महत्वाकांक्षी भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेल परियोजना बजट और भूमि अधिग्रहण के मुद्दों पर अटकी हुई है। बध्यात से बरमाणा तक के 11.1 किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक के लिए आवश्यक 533 बीघा निजी भूमि का अधिग्रहण तीन साल से लंबित है, जबकि सरकारी स्वीकृति का इंतजार जारी है। रेल विकास निगम द्वारा 2027 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन बध्यात से आगे के हिस्से में केवल वन विभाग की भूमि ही अधिग्रहित की जा सकी है।
मुख्य समस्याएं:
केंद्र और राज्य सरकार के बीच भूमि अधिग्रहण की लागत को लेकर मतभेद
परियोजना की लागत मूल अनुमान 4,200 करोड़ से बढ़कर अब 13,000 करोड़ रुपये तक पहुँच गई है
प्रशासन द्वारा भेजी गई सोशल इंपेक्ट असेसमेंट रिपोर्ट पर सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
दो साल की और देरी से लागत में 1,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि का अनुमान
वर्तमान स्थिति:
बिलासपुर तक के प्रस्ताव को केंद्र सरकार द्वारा समीक्षा के लिए रखा गया है। रेल विकास निगम के अधिकारियों के अनुसार, लागत में कमी की संभावनाओं की जाँच के बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, निजी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है, जिससे पूरी परियोजना की समयसीमा खतरे में पड़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही इन मुद्दों का समाधान नहीं निकाला गया, तो इस महत्वपूर्ण रेल परियोजना का भविष्य अनिश्चित हो सकता है।