30 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Health Desk: दही रोज़ खाना फायदेमंद या नुकसानदायक? जानिए कब ‘अच्छे बैक्टीरिया’ भी बन सकते हैं खतरा क्या आप रोज़ दही इस सोच के साथ खाते हैं कि यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है? अगर हां, तो ज़रा रुकिए और सोचिए! दही को हेल्दी माना जाता है क्योंकि यह प्रोबायोटिक फूड है—जिसमें Lactobacillus और Bifidobacterium जैसे अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो पाचन सुधारने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। लेकिन हाल की रिसर्च और विशेषज्ञों की राय बताते हैं कि अगर दही का सेवन जरूरत से ज़्यादा और गलत समय पर किया जाए, तो यह फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है।
अधिक दही से बिगड़ सकता है बैक्टीरिया का संतुलन
2018 में अमेरिका के Cedars-Sinai संस्थान की एक रिसर्च में पाया गया कि प्रोबायोटिक ओवरडोज़ से आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन हो सकता है। यदि रोज़ाना बड़ी मात्रा में दही खाया जाए, तो अच्छे बैक्टीरिया जरूरत से ज्यादा बढ़कर शरीर के अन्य जरूरी माइक्रोब्स को दबाने लगते हैं। इसका नतीजा गैस, ब्लोटिंग, डायरिया और कब्ज जैसी समस्याओं के रूप में सामने आ सकता है।
कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए नहीं है हर दिन दही
डॉक्टरों का कहना है कि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है। कुछ लोगों को दही पूरी तरह सूट करता है, जबकि कुछ को इससे एलर्जी, पेट में जलन या फंगल इन्फेक्शन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। खासतौर पर कमजोर इम्युनिटी वाले या आंतों की बीमारी से जूझ रहे लोगों को रोज़ दही से परहेज करना चाहिए।
रात में दही खाना आयुर्वेद के अनुसार गलत
कई लोग रात के खाने में दही शामिल करते हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार, रात में दही खाना पाचन के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसकी ठंडी तासीर कफ बढ़ाती है, जिससे सर्दी, गले में खराश और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
ज्यादा दही से एलर्जी और सूजन की आशंका
जब दही में मौजूद Lactic Acid Bacteria संतुलन से ज्यादा बढ़ जाते हैं, तो ये शरीर में सूजन (inflammation) और एलर्जी को जन्म दे सकते हैं। कई बार देखा गया है कि ज्यादा दही खाने वालों को स्किन एलर्जी, मुंह में छाले या यूरिनरी इंफेक्शन जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
सही मात्रा और तरीका है जरूरी
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि दही की मात्रा आधा कटोरी (100–150 ग्राम) से अधिक नहीं होनी चाहिए और इसे दिन में, खासकर दोपहर के खाने में शामिल करना बेहतर होता है। सर्दियों में इसकी मात्रा और समय पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बाज़ार में मिलने वाले पैकेज्ड दही में अक्सर प्रिज़र्वेटिव और शुगर मिलाई जाती है, जो इसे कम उपयोगी और ज्यादा हानिकारक बना सकती है। घर का ताजा दही सबसे सुरक्षित विकल्प है, लेकिन यह भी 24 घंटे से ज्यादा पुराना न हो।
अगर आप दही को छाछ, रायता या लस्सी के रूप में लेते हैं, तो यह पचाने में आसान होता है। लेकिन पेट की बीमारी, छोटे बच्चों, बुजुर्गों या एलर्जी की समस्या से ग्रस्त लोगों को दही डॉक्टर की सलाह से ही खाना चाहिए।
निष्कर्ष
दही भले ही सुपरफूड माना जाता है, लेकिन इसका अंधाधुंध सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। शरीर की ज़रूरत और प्रतिक्रिया को समझते हुए ही दही या किसी भी चीज़ को अपने भोजन का हिस्सा बनाना बुद्धिमानी है। याद रखें, हर अच्छी चीज़ की एक तय मात्रा और सही समय होता है।