29 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
Education Desk: NAAC अगस्त 2025 से शुरू करेगा कॉलेजों की डिजिटल मान्यता प्रक्रिया, AI से होगा मूल्यांकन नई दिल्ली: भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों को मान्यता देने वाली संस्था राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) जल्द ही कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अगस्त 2025 से कॉलेजों की मान्यता अब पूरी तरह से डिजिटल और AI आधारित होगी। इस नई व्यवस्था में भौतिक निरीक्षण (फिजिकल विजिट) की जगह दस्तावेजों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से मूल्यांकन किया जाएगा।
NAAC के अध्यक्ष प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने जानकारी दी कि इस डिजिटल प्रणाली से मूल्यांकन प्रक्रिया न केवल तेज होगी, बल्कि भरोसेमंद और पारदर्शी भी बनेगी। उनका लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में देश के 90% कॉलेजों को मान्यता दी जा सके।
✅ क्या बदल रहा है नई प्रणाली में?
फिजिकल विजिट नहीं: अब मान्यता के लिए संस्थानों में टीम नहीं भेजी जाएगी। मूल्यांकन AI और ऑनलाइन दस्तावेजों के आधार पर किया जाएगा।
दस्तावेज आधारित मूल्यांकन: शुरुआती स्तर की मान्यता में केवल दस्तावेजों की जांच होगी। साइट विजिट सिर्फ उच्च ग्रेडेड स्तर (लेवल 3 से 5) के लिए ही होगी।
ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव: पहले की तरह A, A+ जैसे ग्रेड की बजाय अब संस्थान को केवल दो श्रेणियों में रखा जाएगा –
“मान्यता प्राप्त”
“मान्यता प्राप्त नहीं”
उच्च स्तर की मान्यता के लिए लेवल 1 से 5 की ग्रेडिंग होगी।
📊 मान्यता के नए मापदंड
विश्वविद्यालय: 55 मानदंड | कम से कम 50% अंक जरूरी
स्वायत्त कॉलेज: 50 मानदंड | 45% अंक आवश्यक
संबद्ध कॉलेज: 40 मानदंड | 40% अंक जरूरी
यदि संस्थान न्यूनतम अंक नहीं ला पाता है, तो उसे मान्यता नहीं दी जाएगी।
📈 परिपक्वता आधारित ग्रेडिंग (Level 1 से 5)
बेसिक स्तर की मान्यता के बाद, संस्थान ग्रेडेड (मल्टी-लेवल) मान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
जैसे-जैसे स्तर बढ़ेगा, मापदंडों की संख्या और जटिलता भी बढ़ेगी (80 से 100 तक)।
लेवल 3 से ऊपर के मान्यता स्तर के लिए कुछ हद तक साइट विजिट होंगे (आंशिक रूप से ऑनलाइन और फिजिकल)।
🧠 AI आधारित विश्वसनीयता स्कोर
हर संस्थान को शुरू में 0.5 का विश्वसनीयता स्कोर दिया जाएगा।
संस्थान द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की जांच AI और रैंडम चुने गए विशेषज्ञों की टीम द्वारा की जाएगी।
दस्तावेजों की सत्यता पर स्कोर घट-बढ़ सकता है:
सही पाए गए तो स्कोर बढ़ेगा
धोखाधड़ी या गड़बड़ी पाए जाने पर स्कोर घटेगा और मान्यता 3 साल तक के लिए रोकी जा सकती है।
विशेषज्ञों में होंगे: प्रोफेसर, रिटायर्ड वाइस चांसलर, इंडस्ट्री एक्सपर्ट, NGO प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी।
इनकी निगरानी भी AI तकनीक से की जाएगी।
🌐 NEP 2020 के सिद्धांत होंगे शामिल
नई प्रणाली में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की प्रमुख बातें जोड़ी जाएंगी, जैसे:
नवाचार को बढ़ावा
बहुभाषावाद
मल्टी एंट्री-एग्जिट सिस्टम
सस्टेनेबिलिटी
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा को बढ़ावा
यह प्रणाली विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भी खुली होगी जो भारत में कैंपस खोलना चाहते हैं।
🔍 सुधार की पृष्ठभूमि
इस बदलाव की सिफारिशें पूर्व इसरो प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति ने की थीं, जिसे शिक्षा मंत्रालय ने नवंबर 2022 में गठित किया था।
निष्कर्ष:
नई AI-आधारित NAAC प्रणाली न केवल प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि उच्च शिक्षा संस्थानों को तेजी से और निष्पक्ष मान्यता देने में मदद करेगी। इससे भारत का उच्च शिक्षा ढांचा और अधिक गुणवत्तापूर्ण, जवाबदेह और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकेगा।













