नगर निगम की लापरवाही पड़ी महंगी, अदालत ने संपत्ति कुर्क करने के दिए आदेश

पटियाला:12 July 2025 Fact Recorder

Punjab Desk : एक मृ*त चौथे दर्जे के कर्मचारी के बकाया मामले में पटियाला की स्थानीय अदालत ने नगर निगम और सिविल कमिश्नर के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कार्यालय की संपत्ति जब्त करने के आदेश जारी किए हैं।

मामला वरिंदरजीत सिंह से जुड़ा है, जो 2000 में नगर निगम में नौकरी पर रखे गए थे, लेकिन 2001 में बर्खास्त कर दिए गए। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, 2017 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया और निगम को उन्हें पुनः नियुक्त करने और नौकरी से हटाए गए समय की बकाया राशि ब्याज समेत चुकाने का आदेश दिया।

वरिंदरजीत 2018 में उसी पद से सेवानिवृत्त हुए और 2021 में उनका नि*धन हो गया। इसके बाद उनके गोद लिए बेटे समनजोत सिंह ने बकाया राशि की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया।

नगर निगम की ओर से अब तक केवल ₹60,485 की आंशिक भुगतान ही किया गया, जबकि ब्याज सहित कुल बकाया ₹3.2 लाख से अधिक है। निगम बार-बार अदालत के आदेशों की अवहेलना करता रहा है।

अदालत के आदेशानुसार अब निम्नलिखित संपत्तियां जब्त की जाएंगी:

  • नगर निगम कार्यालय की सरकारी कार
  • 20 पंखे, 30 कुर्सियाँ, 4 कूलर
  • 3 एसी, 10 शेल्फ, 5 मेज़
  • 4 कंप्यूटर और 3 प्रिंटर

अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
अगर 23 जुलाई तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो जब्त की गई संपत्तियों की नीलामी कर राशि वसूली जाएगी।


यह मामला सरकारी विभागों की लापरवाही और न्याय प्रक्रिया की जटिलताओं की एक बड़ी मिसाल पेश करता है।