सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तों से अनुबंध संबंधी प्रावधान हटाए गए, सरकार ने जारी किए नए निर्देश

07 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Himachal Desk: हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तों से अनुबंध प्रणाली खत्म, नए नियम लागू    हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तों में बड़ा बदलाव किया है। प्रदेश के कार्मिक विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और उपायुक्तों को निर्देश जारी करते हुए भर्ती एवं सेवा नियमों से अनुबंध नियुक्ति संबंधी सभी प्रावधान हटाने को कहा है। यह निर्णय हाल ही में लागू हुए ‘हिमाचल प्रदेश भर्ती एवं सरकारी कर्मचारियों की सेवा शर्तें अधिनियम, 2024’ के तहत लिया गया है।

अनुबंध प्रणाली पूरी तरह समाप्त
इस अधिनियम के लागू होने के बाद सरकार ने अनुबंध आधार पर भर्ती की प्रक्रिया को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। इसके चलते अब सरकारी सेवा में नियुक्तियां केवल नियमित आधार पर ही की जाएंगी। पूर्व में जो प्रावधान अनुबंध नियुक्तियों के लिए नियमों में शामिल थे, जैसे कॉलम 15-ए, उन्हें भी नियम पुस्तिका से पूरी तरह हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

सभी विभागों को नियम तत्काल संशोधित करने के निर्देश
कार्मिक विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सभी विभाग अपने-अपने भर्ती और पदोन्नति नियमों को नए अधिनियम के अनुरूप तुरंत संशोधित करें। इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भेज दिए गए हैं ताकि सभी श्रेणियों की सेवाओं में एक समान व्यवस्था लागू हो सके।

दो साल की परिवीक्षा (प्रोबेशन) अब अनिवार्य
नए प्रावधानों के तहत, नियमित आधार पर होने वाली सीधी भर्ती के लिए दो साल की परिवीक्षा अवधि अनिवार्य की गई है। यह अवधि विशेष परिस्थितियों में अधिकतम एक वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है।

ग्रुप-बी से ग्रुप-ए या अन्य उच्च श्रेणियों में पदोन्नति पर भी यही परिवीक्षा अवधि लागू होगी।

हालांकि, एक ही ग्रुप के भीतर पदोन्नति होने पर, जैसे ग्रुप-सी से ग्रुप-सी में, कोई परिवीक्षा नहीं रखी जाएगी।

भर्ती प्रक्रिया को लेकर अब अधिक पारदर्शिता
संशोधित नियमों में भर्ती के विभिन्न तरीकों को और अधिक स्पष्टता के साथ परिभाषित किया गया है ताकि विभागों में किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति न बने और नियुक्तियों की प्रक्रिया पारदर्शी एवं सुगम हो।

हिमाचल सरकार के इस कदम को नौजवानों के लिए राहत की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है, जिससे अब सरकारी नौकरियों में अस्थायी नियुक्तियों की जगह स्थायित्व को प्राथमिकता दी जाएगी।