07 जुलाई 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
International Desk: प्रधानमंत्री ने BRICS सम्मेलन में आतंकवाद पर दिया कड़ा संदेश, 57 साल बाद ब्राजील का राजकीय दौरा करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने BRICS सम्मेलन के मंच से पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने, उन्हें वित्तीय सहायता पहुंचाने और सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
BRICS सम्मेलन में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री अब ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया जाएंगे, जहां उन्हें राजकीय अतिथि का सम्मान दिया जाएगा। भारत में ब्राजील के राजदूत दिनेश भाटिया ने जानकारी दी कि यह 57 वर्षों में पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री का ब्राजील का यह स्तर का दौरा हो रहा है।
राजदूत भाटिया के मुताबिक, इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारत और ब्राजील के बीच चार प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद है। इनमें अक्षय ऊर्जा, आतंकवाद से मुकाबला, कृषि अनुसंधान में सहयोग, और गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान जैसे विषय शामिल हैं।
BRICS सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक शासन संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी के बनाए गए संगठन, 21वीं सदी की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से नहीं निपट पा रहे हैं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, IMF, विश्व बैंक और WTO जैसे बहुपक्षीय संगठनों में तत्काल सुधार की मांग की।
भारत के आर्थिक संबंधों के सचिव दम्मू रवि ने बताया कि BRICS सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई और पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हमला सिर्फ एक देश पर नहीं, बल्कि समूची मानवता पर है, और ऐसे हमलों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने BRICS के भीतर विज्ञान और अनुसंधान के लिए साझा संसाधन भंडार (रिसर्च रिज़र्व) के निर्माण का भी सुझाव दिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि BRICS समूह एक बहुध्रुवीय विश्व के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकता है।
सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज कानेल से द्विपक्षीय मुलाकात भी की। इस दौरान क्यूबा ने भारत की यूपीआई प्रणाली और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में गहरी रुचि दिखाई। साथ ही, क्यूबा ने भारत की पारंपरिक आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली को अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे में शामिल करने की संभावना पर भी चर्चा की।
यह दौरा भारत की वैश्विक भूमिका, रणनीतिक साझेदारियों और दक्षिण-दक्षिण सहयोग की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।