मेयर के खाते से 42 लाख की ठगी: फर्जी व्हाट्सएप लेटर पर बैंक ने की ट्रांसफर

पंचकूला:28 June 2025 Factrecorder

Haryana Desk : पंजाब एंड सिंध बैंक की लापरवाही के चलते पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल के खाते से 42.50 लाख रुपये फर्जी तरीके से ट्रांसफर कर दिए गए। यह रकम एक फर्जी व्हाट्सएप लेटर के आधार पर बैंक द्वारा बिना पुष्टि के दो खातों में भेजी गई, जबकि उस लेटर पर न तो मेयर के हस्ताक्षर थे और न ही कोई अधिकारिक पुष्टि।

गोयल ने बताया कि लेटर पर जो साइन थे, वह उनके छोटे भाई के थे और पूरी तरह फर्जी थे। इतना ही नहीं, बैंक ने दो सिग्नेचर की अनिवार्यता जैसे महत्वपूर्ण नियमों को भी नजरअंदाज किया।

घटना का खुलासा तब हुआ जब उनके बेटे ने यूरोप से कॉल कर दो बड़े ट्रांजेक्शन के मैसेज के बारे में पूछा। मेयर ने इन ट्रांजेक्शन से अनभिज्ञता जताई और जब खाते की जांच की तो 42.50 लाख रुपये गायब मिले।

पुलिस ने दर्ज किया केस, 31 लाख रुपये किए फ्रीज

शुक्रवार को सेक्टर-20 साइबर थाना में FIR दर्ज हुई और जांच में जुटी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 31 लाख रुपये फ्रीज कर दिए। जांच में सामने आया कि पैसा दो अलग-अलग खातों में गया, एक कोलकाता और दूसरा उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में है। वहीं, व्हाट्सएप संदेश भेजने वाले नंबर की लोकेशन हैदराबाद बताई जा रही है।

बैंक की गंभीर लापरवाही

मेयर ने आरोप लगाया कि बिना सत्यापन के इतनी बड़ी रकम ट्रांसफर करना बैंक की गंभीर चूक है। आमतौर पर कंपनी के ट्रांजेक्शन के लिए दो हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं, लेकिन इस मामले में सिर्फ एक फर्जी हस्ताक्षर पर पैसे भेज दिए गए।

यह भी सामने आया कि ट्रांजेक्शन में देरी होने पर ठगों ने बैंक में कई बार कॉल किया, फिर भी किसी अधिकारी ने खाताधारक से संपर्क नहीं किया।

क्या हैं नियम, और कहां हुई चूक?

  • ₹5 लाख से ज्यादा की रकम पर तीन स्तरों की जांच होती है — क्लर्क, ऑपरेटर और ब्रांच मैनेजर।
  • खाताधारक से फोन पर पुष्टि की जाती है।
  • बिना चेकबुक या सही दस्तावेज के कोई ट्रांजेक्शन संभव नहीं।
  • हस्ताक्षर का मिलान अनिवार्य है, जिसे नजरअंदाज किया गया।

अनसुलझे सवाल

  • बैंक ने एक फर्जी व्हाट्सएप लेटर पर इतनी बड़ी राशि ट्रांसफर कैसे कर दी?
  • बैंक ने खाताधारक से पुष्टि क्यों नहीं की?
  • नियमों के बावजूद सिग्नेचर वेरिफिकेशन क्यों नहीं हुआ?
  • ब्रांच स्टाफ ने इतनी बड़ी रकम दो अलग-अलग खातों में भेजने से पहले कोई सतर्कता क्यों नहीं बरती?

मेयर ने इस घटना को बैंकिंग सिस्टम में बड़ी खामी बताते हुए बैंक और साइबर सेल दोनों से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस मामले की जांच जारी रखे हुए है।