24 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर
National Desk: ओमान ने अपने ‘विजन 2040’ के तहत एक बड़ा आर्थिक कदम उठाते हुए 1 जनवरी 2028 से व्यक्तिगत आयकर (पर्सनल इनकम टैक्स) लागू करने की घोषणा की है। यह देश के इतिहास में पहली बार है जब पर्सनल टैक्स की शुरुआत की जा रही है। इस नई व्यवस्था के तहत केवल उच्च आय वर्ग, यानी लगभग 1% आबादी, को टैक्स देना होगा। हर साल 42,000 ओमानी रियाल (करीब 9.5 लाख रुपये) से अधिक कमाने वालों पर 5% टैक्स लगाया जाएगा। इस नीति का मकसद गैर-तेल आय को बढ़ावा देना और जीडीपी में गैर-तेल राजस्व का योगदान 2040 तक 18% तक ले जाना है।
सुल्तान हैथम बिन तारिक के नेतृत्व में ओमान आर्थिक विविधीकरण और भविष्य की स्थिरता की दिशा में काम कर रहा है। नया टैक्स ढांचा सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, जकात और दान जैसी आवश्यक जरूरतों पर छूट देने की व्यवस्था है ताकि निम्न और मध्यम आय वर्ग पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। ओमान सरकार का दावा है कि टैक्स छूट की सीमा इतनी ऊंची रखी गई है कि देश की 99% आबादी इससे अप्रभावित रहेगी।
टैक्स व्यवस्था को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए ओमान एक आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक टैक्स सिस्टम भी तैयार कर रहा है, जो सरकारी डेटाबेस से जुड़कर आय की सटीक जानकारी और टैक्स अनुपालन सुनिश्चित करेगा। 2024 में ओमान ने कॉर्पोरेट टैक्स, वैट और अन्य करों से 1.4 बिलियन ओमानी रियाल जुटाए थे। अब पर्सनल इनकम टैक्स को शामिल करने से उसकी राजकोषीय स्थिति और मजबूत होने की उम्मीद है।
भारत के साथ ओमान के आर्थिक संबंध भी मजबूत हैं। भारत, ओमान का तीसरा सबसे बड़ा आयात स्रोत है और ओमान के गैर-तेल निर्यात वाले बाजारों में भारत तीसरे स्थान पर आता है। 2025 की पहली तिमाही में ओमान ने भारत को निर्यात से 172 मिलियन रियाल कमाए। भारत की कई कंपनियों ने ओमान में निवेश किया है, और करीब 6.2 लाख भारतीय ओमान में रहते हैं, जिनमें से 4.8 लाख पेशेवर और कामगार हैं। ऐसे में पर्सनल टैक्स के लागू होने का असर भारतीय प्रवासियों पर भी पड़ सकता है, खासकर उच्च आय वर्ग पर।