“कितनी होती हैं योग मुद्राएं? जानें पतंजलि योगपीठ से सही तरीका और लाभ”

24 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर                                                                                                                                                                                                                                  Lifestyle Desk: हस्त मुद्राओं का चमत्कार: बाबा रामदेव की किताब से जानें 5 असरदार मुद्राएं, उनके फायदे और सही अभ्यास विधि
योग सिर्फ शरीर को मोड़ने या श्वास-प्रश्वास की तकनीक नहीं है, बल्कि यह एक गहरा विज्ञान है जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन की कला सिखाता है। योग का ही एक प्रभावशाली हिस्सा है हस्त मुद्राएं — यानी हाथों और उंगलियों से बनाए जाने वाले विशेष आकार जो शरीर की ऊर्जा को नियंत्रित और संतुलित करते हैं।

बाबा रामदेव की किताब ‘Yog: Its Philosophy & Practice’ के अनुसार, ये मुद्राएं ना सिर्फ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती हैं, बल्कि कई गंभीर रोगों में भी राहत देती हैं। योगशास्त्र में कहा गया है कि हमारा शरीर पांच तत्वों — अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश — से बना है। जब इनमें असंतुलन होता है, तो रोग जन्म लेते हैं। हस्त मुद्राएं इस असंतुलन को ठीक करने का शक्तिशाली माध्यम हैं।

तो आइए जानते हैं पांच प्रमुख हस्त मुद्राओं के बारे में, जिन्हें आप नियमित अभ्यास में लाकर बेहतर स्वास्थ्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं:

1. ज्ञान मुद्रा (Gyan Mudra)
विधि: तर्जनी उंगली को अंगूठे से हल्के से मिलाएं, बाकी तीन उंगलियां सीधी रखें। आंखें बंद कर सामान्य सांस लें।
फायदे:

एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है

गुस्से और नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करती है

बच्चों के लिए विशेष रूप से लाभकारी

मानसिक शांति और ध्यान में सहायता

2. वायु मुद्रा (Vayu Mudra)
विधि: तर्जनी को मोड़कर अंगूठे की जड़ में रखें और अंगूठे से हल्का दबाएं। बाकी उंगलियां सीधी रखें।
फायदे:

गैस, गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत

रीढ़ और गर्दन के दर्द में उपयोगी

रक्त संचार बेहतर करता है
नोट: वात दोष कम हो जाने पर इसका अभ्यास रोक दें।

3. प्राण मुद्रा (Pran Mudra)
विधि: अंगूठे को रिंग फिंगर और छोटी उंगली से मिलाएं, बाकी उंगलियां सीधी रखें।
फायदे:

शरीर में ऊर्जा और इम्यूनिटी बढ़ती है

आंखों की रोशनी में सुधार

थकान, कमजोरी और विटामिन की कमी में लाभकारी

भूख-प्यास नियंत्रण में मददगार, उपवास के समय उपयोगी

4. सूर्य मुद्रा (Surya Mudra)
विधि: रिंग फिंगर को मोड़कर अंगूठे से हल्का दबाएं, बाकी उंगलियां सीधी रखें।
फायदे:

वजन घटाने में सहायक

पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है

तनाव और कोलेस्ट्रॉल कम करता है

लिवर और डायबिटीज में राहत
सावधानी: कमजोर शरीर वालों और गर्मियों में लंबे समय तक न करें।

5. लिंग मुद्रा (Ling Mudra)
विधि: दोनों हाथों की उंगलियां आपस में फंसाएं, बाएं हाथ का अंगूठा ऊपर रखें और दाएं हाथ से उसे घेर लें।
फायदे:

सर्दी, जुकाम, खांसी, साइनस और अस्थमा में राहत

शरीर में गर्मी और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

बलगम और श्वसन संबंधी समस्याओं में उपयोगी
सावधानी: गर्मी अधिक न बढ़े इसलिए पानी, रस, घी और दूध का सेवन बढ़ाएं। नियमित लेकिन सीमित समय तक करें।

निष्कर्ष:
हस्त मुद्राएं देखने में सरल हैं, लेकिन उनके लाभ अत्यंत गहरे हैं। यदि इन्हें सही विधि से नियमित रूप से किया जाए तो न सिर्फ रोगों से राहत मिलती है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और आत्मिक शांति भी प्राप्त होती है। बाबा रामदेव के अनुसार, यह एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है जिसे कोई भी घर बैठे बिना किसी उपकरण के कर सकता है।