हरियाणा: 18 साल की लड़की बनी जैन साध्वी, विदाई में मां ने दुल्हन की तरह सजाया

02 जून 2025 फैक्टर रिकॉर्डर

Chandigarh Desk :हरियाणा के सोनीपत जिले की 18 वर्षीय लब्धि जैन अब सांसारिक मोह-माया छोड़कर आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर हो चुकी हैं। वह 5 जून को रोहतक में भव्य दीक्षा समारोह के दौरान जैन साध्वी बनेंगी। इस मौके पर उन्हें अंतिम बार पारंपरिक रूप से विदा किया जा रहा है — जैसे कोई बेटी शादी के बाद हमेशा के लिए ससुराल जा रही हो।

 विदाई की रस्में, जैसे कोई विवाह हो रहा हो

दीक्षा से पहले लब्धि जैन को दुल्हन की तरह सजाया गया। घर में गाजे-बाजे, मंगल गीत और पारंपरिक रस्मों का आयोजन हो रहा है। हर दिन विशेष धार्मिक आयोजन हो रहे हैं जो 4 जून तक चलेंगे। जैन परंपरा के अनुसार, दीक्षा लेने से पहले व्यक्ति को समाज और परिवार से पूर्ण रूप से विदाई दी जाती है, जो एकमात्र बार होती है।

 मां ने खुद बेटी को सजाया, कहा – गर्व है

लब्धि की मां सेंजल और पिता जयप्रकाश इस आध्यात्मिक फैसले में उनके साथ हैं। मां ने बेटी को विदाई से पहले खुद दुल्हन की तरह सजाया और कहा, “हमें गर्व है कि हमारी बेटी धर्म के मार्ग पर चल पड़ी है।” लब्धि अपनी बड़ी बहन साध्वी डॉ. महाप्रज्ञ के पदचिह्नों पर चल रही हैं, जिन्होंने 15 साल पहले दीक्षा ली थी।

दीक्षा के बाद शुरू होगा सन्यास जीवन

5 जून को दीक्षा लेने के साथ ही लब्धि जैन पूर्ण रूप से संसार से विरक्त होकर संन्यासी जीवन अपनाएंगी। जैन परंपरा में दीक्षा का अर्थ है भौतिक सुखों और माया का त्याग कर संयम, सादगी और आत्मिक शुद्धता के मार्ग पर चलना। दीक्षा के बाद व्यक्ति केवल साधु या साध्वी के रूप में जीवन यापन करता है।

लब्धि जैन का यह निर्णय न केवल उनके परिवार, बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।