ब्लड प्रेशर और नमक: डॉक्टर ने बताए हाई बीपी के 7 बड़े मिथक

22 मई  2025 ,FACT RECORDER

हाई ब्लड प्रेशर के 7 आम मिथक: डॉक्टर ने बताई सच्चाई

हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन, दिल की बीमारियों का एक बड़ा कारण है, लेकिन इसके बारे में आज भी कई गलतफहमियाँ बनी हुई हैं। यह तब होता है जब धमनियों में खून का दबाव लगातार ज़्यादा बना रहता है, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर असर पड़ता है। अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए, तो यह डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों में बदल सकता है।

डॉ. परिनिता कौर, जो मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, द्वारका में इंटरनल मेडिसिन की प्रमुख हैं, ने HT Lifestyle से बातचीत में हाइपरटेंशन से जुड़े 7 मिथकों को तोड़ा:

मिथ 1: हाई बीपी के लक्षण जल्दी दिख जाते हैं

हाई बीपी को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि इसके कोई खास लक्षण नहीं होते। लोग सामान्य महसूस करते हैं, लेकिन अंदरूनी अंगों को नुकसान होता रहता है। इसलिए रेगुलर चेकअप ज़रूरी है।

मिथ 2: हाइपरटेंशन सिर्फ बुजुर्गों को होता है

 यह बीमारी युवाओं को भी हो सकती है। खराब डाइट, तनाव और कम एक्टिव लाइफस्टाइल इसके बड़े कारण हैं।

मिथ 3: सिर्फ ज़्यादा नमक खाने से होता है बीपी

अतिरिक्त नमक हानिकारक है, लेकिन प्रोसेस्ड फूड (जैसे पिज्जा, ब्रेड, सूप) में छिपा हुआ सोडियम भी बीपी बढ़ा सकता है। लेबल पढ़ें और सोडियम की मात्रा सीमित करें।

मिथ 4: बीपी सामान्य होने पर दवा बंद कर सकते हैं

हाई बीपी एक लाइफ-लॉन्ग कंडीशन है। बिना डॉक्टर की सलाह दवा बंद करना खतरनाक हो सकता है। इससे बीपी फिर से बढ़ सकता है।

मिथ 5: हाई बीपी सिर्फ दिल को नुकसान पहुंचाता है

 यह किडनी, आंखों और दिमाग पर भी असर डालता है। कंट्रोल न किया जाए तो यह ऑर्गन फेल्योर तक पहुंच सकता है।

मिथ 6: कॉफी पीने से बीपी बहुत बढ़ जाता है

 सीमित मात्रा में कॉफी से कोई खास फर्क नहीं पड़ता। लेकिन ज्यादा कैफीन (खासतौर पर एनर्जी ड्रिंक्स या कोल्ड ड्रिंक्स से) नुकसानदेह हो सकता है।

मिथ 7: अगर परिवार में बीपी है, तो कुछ नहीं किया जा सकता

 जेनेटिक्स मायने रखते हैं, लेकिन सही डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज़, स्मोकिंग से दूरी और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर इसे कंट्रोल किया जा सकता है।                                                                                                  नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या में डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।