10 मई, 2025 Fact Recorder
भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ संघर्षविराम सशर्त है और सिंधु जल संधि को निलंबित रखने के फैसले में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सूत्रों ने यह स्पष्ट किया है कि संघर्षविराम की पहल पाकिस्तान ने की, और भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसका रुख बिल्कुल कड़ा और बिना समझौते वाला रहेगा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी दोहराया कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की नीति अडिग है, और यह नीति संघर्षविराम के बावजूद नहीं बदलेगी।
संघर्षविराम की घोषणा के बाद रक्षा मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया कि भारत ने पाकिस्तान के तीन बड़े मिसाइल और ड्रोन हमलों को नाकाम किया और उसके हवाई रक्षा तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाया, जिससे पाकिस्तान की वायु रक्षा लगभग असंभव हो गई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि स्कर्दू, सरगोधा, जैकबाबाद और भोलारी जैसे पाकिस्तानी एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचा है, और कमांड कंट्रोल सेंटरों पर सटीक हमले किए गए हैं।
कोमोडोर रघु आर. नायर ने चेतावनी दी, “पाकिस्तान की हर शरारत का भारत ने ताकत से जवाब दिया है और आगे भी देगा। देश की रक्षा के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।”
संधि का निलंबन जारी रहेगा:
पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद, भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए, जिनमें सबसे अहम था सिंधु जल संधि को निलंबित करना।
सिंधु प्रणाली की नदियों पर बनी यह 65 साल पुरानी संधि भारत और पाकिस्तान के बीच पानी के बंटवारे की व्यवस्था करती थी। भारत ने इसके तहत पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) का बहाव घटाना शुरू किया, और जलाशयों की क्षमता बढ़ाने के काम में तेजी लाई।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी कहा कि “इस संधि की प्रस्तावना में ‘मैत्री और सद्भावना’ का उल्लेख है, और भारत ने 65 वर्षों तक उकसावे के बावजूद इसका पालन किया है।”
संघर्षविराम की प्रक्रिया:
शनिवार को शाम 5:35 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले भारत-पाक संघर्षविराम की घोषणा की, जिसे उन्होंने “एक लंबी रात की बातचीत के बाद हुआ समझौता” बताया।
हालांकि, इसके तुरंत बाद भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय समकक्ष को 3:35 बजे फोन किया और दोनों पक्षों ने 5:00 बजे से थल, जल और वायु में सभी सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई।
अमेरिका ने भारत की नई युद्ध नीति को स्वीकारा:
सूत्रों ने यह भी बताया कि अमेरिका ने भारत की नई युद्ध नीति को औपचारिक रूप से मान्यता दी है, जिसके तहत कोई भी भविष्य का आतंकी हमला युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।