haryana karnal Unseasonal rain increased the concern of farmers case update news, Ready wheat got wet in the markets and fields, thousands of quintals of grain kept getting wet in the open, | करनाल में बे-मौसम बारिश ने बढ़ाई किसानों की चिंता: मंडियों और खेतों में भीगी तैयार गेहूं, हजारों क्विंटल अनाज खुले में भीगता रहा – Karnal News

रात को बरसात में निसिंग आनाज में बरसात में भिगती खुले में पड़ी किसान की गेंहू।

करनाल सहित हरियाणा के कई जिलों में गुरुवार देर शाम आई आंधी-तूफान व बरसात में लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। एक तरफ जहां नेशनल हाईवे मधुबन के पास स्थित एक बड़ी कार एजेंसी की दीवार गिरने से कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त होने से एजेंसी मालिक को करोड़ों का नुकसा

रात को आई आंधी के कारण एजेंसी में खड़ी क्षतिग्रस्त हुई गाड़ियां।

रात को आई आंधी के कारण एजेंसी में खड़ी क्षतिग्रस्त हुई गाड़ियां।

मंडियों में नहीं दिखी कोई तैयारी

मंडी में पहुंचे किसानों राममेहर ने बताया कि पिछले कई दिनों से मौसम खराब चल रहा है, लेकिन प्रशासन की तरफ से अब तक कोई तैयारी नहीं की गई है। ना तो तिरपाल है और ना ही अनाज को बचाने का कोई इंतजाम। किसान अपनी फसल को मंडी में बेचने के लिए लेकर आए थे, लेकिन वह खुले में पड़ी रह गई और बारिश में पूरी तरह से भीग गई।

मजदूरों ने भी जताई नाराजगी

​​​​​​​मंडी में काम करने वाले रामपाल, सतपाल, किशोर व बानू मजदूर ने कहा कि प्रशासन को पहले से मौसम की जानकारी थी, लेकिन कोई इंतजाम नहीं किए गए। उन्होंने बताया कि जैसे ही बारिश शुरू हुई, किसान और मजदूर दोनों ही भागकर अपने-अपने अनाज को बचाने की कोशिश करने लगे, लेकिन तेज आंधी और बारिश के कारण कुछ भी संभाल नहीं पाए।

मंडी में रखी गेंहूं की बोरिया बरसात में भीगती हुई।

मंडी में रखी गेंहूं की बोरिया बरसात में भीगती हुई।

​​​​​​​किसानों को बड़ा नुकसान होने की आशंका

​​​​​​​किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल इस समय पूरी तरह से तैयार है और कुछ किसानों ने कटाई के बाद फसल को मंडियों में डाल दिया था। मंडी में तिरपाल या गोदाम जैसी सुविधा न होने की वजह से बारिश में सारा अनाज भीग गया। किसानों का कहना है कि अब इस गेहूं को सरकार खरीदेगी भी या नहीं, इसको लेकर भी संशय है।

प्रशासन पर उठे सवाल

​​​​​​​किसानों और मजदूरों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हर साल इस समय बारिश आती है, लेकिन इसके बावजूद मंडियों में कोई स्थायी इंतजाम नहीं किए जाते। ऐसे में बे-मौसमी बारिश किसानों के लिए दोहरी मार बन जाती है—एक तरफ मेहनत से उगाई फसल तैयार होती है, दूसरी तरफ मंडी में कोई सुरक्षा नहीं होती।

रात को करनाल में आती तेज बरसात।

रात को करनाल में आती तेज बरसात।

लोगों ने की स्थायी व्यवस्था की मांग

​​​​​​​किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि मंडियों में तिरपाल, शेड और अनाज को ढकने के लिए स्थायी व्यवस्था की जाए, ताकि हर साल फसल को इस तरह नुकसान न हो। मजदूरों ने भी कहा कि अगर बारिश की जानकारी पहले से हो, तो मजदूरों को भी समय से काम करने की योजना बनानी पड़ती है, लेकिन जब व्यवस्था ही नहीं हो तो नुकसान रोकना मुश्किल हो जाता है।