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दिल्ली में 60.45% वोटिंग: 28 विधानसभा क्षेत्रों में 60% से कम रहा मतदान, 2008 के बाद पड़े सबसे कम वोट

Thu, 06 Feb 2025: Fact Recorder

Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025 में इस बार 60.45 प्रतिशत मतदान हुआ। इसके साथ ही दिल्ली के चुनावी रण में उतरे 699 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। अब आठ फरवरी को आने वाले नतीजों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। दिल्ली के सभी 11 जिलों में उत्तर पूर्वी दिल्ली से सबसे अधिक 66 प्रतिशत मतदान हुआ।

  1. पिछले तीन विधानसभा चुनाव जैसा मतदाताओं में नहीं रहा उत्साह
  2. पिछले चुनाव में 17 विधानसभा क्षेत्रों में 65 प्रतिशत से ज्यादा रहा था मतदान
  3. आठ फरवरी को आएंगे दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025) में लगातार दूसरी बार मतदान के प्रतिशत में गिरावट हुई और पिछले तीन चुनावों के मुकाबले इस बार सबसे कम मतदान हुआ। इसका कारण यह है कि पिछले तीन चुनावों जैसा इस बार मतदाताओं में उत्साह नहीं था।

किन सीटों पर पड़े सबसे ज्यादा वोट?

इस वजह से दिल्ली के एक भी विधानसभा क्षेत्र में भी मतदान का आंकड़ा (Delhi Voting Percentage) 70 प्रतिशत नहीं पहुंच पाया और 28 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 60 प्रतिशत से भी कम रहा है।
पश्चिमी दिल्ली के सुभाष नगर स्थित लिए मतदान केंद्र मे जोश के साथ कतार में खड़े वृद्ध , महिलाएं व युवा। फोटो- चंद्र प्रकाश मिश्र
इस बार मुस्तफाबाद, सीलमपुर, गोकलपुरी, बाबरपुर, त्रिलोकपुरी, सीमापुरी, मटियामहल व रोहतास नगर इन आठ विधानसभा क्षेत्रों में 65 प्रतिशत से अधिक मतदान जरूर रहा है, लेकिन बाबरपुर को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में मत प्रतिशत घटा है।

इन सीटों पर घटा मतदान प्रतिशत

पिछली बार 17 विधानसभा क्षेत्रों में 65 प्रतिशत से अधिक मतदान रहा था। जिसमें से बल्लीमारान, सीलमपुर, गोलकपुरी, मुस्तफाबाद व मटियामहल इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 70 प्रतिशत से ज्यादा था। बल्लीमारान, सदर बाजार जैसे इलाकों में मतदान काफी घटा है।

2013 के चुनाव में बढ़ा था मतदान

असल में वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव भ्रष्टाचार व लोकपाल जैसे मुद्दों से लोग गोलबंद हुए थे। इस वजह से वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बढ़ा था और 66 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। इसके बाद वर्ष 2015 के चुनाव में पानी माफ, बिजली हाफ व मोहल्ला क्लीनिक के मुद्दे पर मतदाता लामबंद हुए। इसके बाद वर्ष 2020 के चुनाव में 4.87 प्रतिशत मतदान कम होने के बावजूद 62 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। इस बार किसी एक दल के प्रति मतदाताओं में गोलबंदी नहीं देखी गई।

मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी वोट बंटते दिखे। इस वजह से मतदाताओं में उत्साह थोड़ा कम रहा। अब मतदान के बाद आठ फरवरी आने वाले नतीजों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। शनिवार को 19 मतगणना केंद्रों पर सुबह आठ बजे से वोटों की गिनती होगी।