मानकपुर में 350वें शहीदी समागम पर पौधारोपण अभियान

नंगल, 23 अगस्त 2025 Fact Recorder

Punjab Desk : पंजाब सरकार में स्कूल शिक्षा, सूचना और जन संपर्क विभाग के कैबिनेट मंत्री सरदार हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी समागमों के अवसर पर गुरु साहिब की चरण छोह प्राप्त भूमि पर लगभग 4 लाख पौधे लगाए जाएंगे। इस अभियान में क्षेत्र की पंचायतों, स्कूलों के विद्यार्थियों, समाज सेवी संगठनों और वन विभाग का सहयोग लिया जाएगा।

आज मानकपुर में पौधारोपण अभियान की शुरुआत करते हुए हरजोत बैंस ने कहा कि “हरियाली हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए पौधे और पेड़ लगाना अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने कहा कि “जिन वृक्षों की छाया और फल आज हम उपयोग में ला रहे हैं, वो हमारे पूर्वजों ने लगाए थे और अब हम पर भी यही ज़िम्मेदारी है कि बड़े स्तर पर वृक्षारोपण करें।”

उन्होंने बताया कि हमारे गुरु साहिबानों ने भी पर्यावरण, जल और वायु की देखभाल को प्राथमिकता दी है, और गुरबाणी में भी अनेक वृक्षों का वर्णन किया गया है जो पर्यावरण को स्वच्छ और संतुलित बनाए रखने में सहायक हैं।

स. बैंस ने नागरिकों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें, क्योंकि पेड़ प्रदूषण कम करने में विशेष भूमिका निभाते हैं और हमें प्राकृतिक संसाधन प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग, वन विभाग और गांव की पंचायतों द्वारा यह अभियान प्रभावी रूप से शुरू किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि जो पंचायतें या संस्थाएं इस अभियान को ज़मीनी स्तर पर अच्छे ढंग से लागू करेंगी और जहाँ सबसे अधिक पौधे लगाए जाएंगे, उन क्षेत्रों की पंचायतों और प्रतिनिधियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन गांवों को अतिरिक्त ग्रांट, सोलर लाइट्स और अन्य पुरस्कार भी दिए जाएंगे।

इस मौके पर हरजोत बैंस ने पौधे लगाकर अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर दीपक सोनी (मीडिया कोऑर्डिनेटर), पम्मू ढिल्लों (सरपंच), जसपाल सिंह ढाहे (जिला प्रधान किसान विंग), सुखविंदर सिंह सेखो, केहर सिंह (सीनियर नेता), गोपाल शर्मा (सरपंच मानकपुर), राजेश राणा (हेडमास्टर), कुलवीर सिंह, सेठी (सरपंच), सोनिया रानी (सरपंच मेघपुर), रीटा बाला (सरपंच पट्टी), गुरविंदर कौर (सरपंच रायपुर), विक्रर सिंह, सुरजीत कुमार (पंच), राजिंदर सिंह काकू, हरदीप बरारी, अमित बरारी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।