16 सितंबर 2025 फैक्ट रिकॉर्डर
Bollywood Desk: शाहरुख खान: 33 साल का सफर, सितारों से दिल तक 33 साल पहले पर्दे पर एक नौजवान उतरा था—चेहरे पर मासूमियत, बिखरे बाल, कांपते होंठ और महत्वाकांक्षा से भरी आँखें। “कोई न कोई चाहिए, प्यार करने वाला…” यह संवाद दीवाना फिल्म में बोलते हुए शायद उन्हें भी अंदाज़ा नहीं था कि यही शुरुआत उन्हें विश्व-स्तरीय प्रतीक बना देगी।
दिल्ली की गलियों से मुंबई की चमक तक, शाहरुख खान का सफर सिर्फ सपनों का नहीं बल्कि साहस, बुद्धिमत्ता और निरंतर परिश्रम का भी है। आज उन्हें “रोमांस के बादशाह” के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनकी पहचान केवल रोमांस तक सीमित नहीं रही। उन्होंने सफलता, संघर्ष और जीवन को जीने के ढंग पर पीढ़ियों को प्रेरित किया है।
सफलता का उनका मंत्र है त्याग और निरंतरता: “आराम करना हराम है। सफलता तभी मिलती है जब आप बेचैन रहकर मेहनत करते हैं।” वहीं, लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण पर उनके विचार समाज में गहराई तक गूंजते हैं। वे मानते हैं कि “हक़ योग्यता से तय होना चाहिए, लिंग से नहीं। महिलाएं सिर्फ आज़ादी की तलाश में हैं।”
शाहरुख का व्यक्तित्व उनके निजी जीवन से भी झलकता है। वे कहते हैं, “मेरे बच्चे मेरे सबसे अच्छे दोस्त हैं,” और गौरी खान को जीवन की चुनौतियों में अपना सबसे बड़ा सहारा मानते हैं। उनकी बुद्धिमानी अक्सर हास्य में भी झलक जाती है: “मैं अब चेक नहीं लिखता, क्योंकि मैं उन पर ‘प्यार से, शाहरुख’ लिखकर साइन करता हूँ।”
अपने माता-पिता की जल्दी मौत का दर्द भी उन्होंने ईमानदारी से साझा किया है: “जब तक मैं फिल्मों में आया, मेरे माता-पिता गुजर चुके थे। मैंने हमेशा चाहा कि मैं इतनी बड़ी फिल्में करूँ कि वे स्वर्ग से उन्हें देख सकें।”
अपने आदर्श वाक्य “मैं यहाँ प्रतिस्पर्धा करने नहीं आया, मैं यहाँ राज करने आया हूँ” के साथ, शाहरुख आज भी प्रेरणा और जुनून का प्रतीक हैं। वह सिर्फ एक सुपरस्टार नहीं—बल्कि सपनों, संघर्ष और प्रेम की जिंदा कहानी हैं।