कार्यालय जिला लोक संपर्क अधिकारी, गुरदासपुर
- स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से वर्ष 2024 सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के लिए वरदान साबित हुआ
- एन.सी.डी. के तहत भारतीय हाइपरटेंशन कंट्रोल पहल में जिले गुरदासपुर पहले स्थान पर रहा है
- आयुष्मान भारत सेहत बीमा योजना के तहत कुल 19,112 मरीजों ने मुफ्त इलाज करवाया
गुरदासपुर, 31 दिसंबर ( ) – पंजाब सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में किए जा रहे क्रांतिकारी सुधारों के तहत वर्ष 2024 सीमावर्ती जिला गुरदासपुर के लिए वरदान साबित हुआ है। मुख्यमंत्री पंजाब स. भगवंत सिंह मान और स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई मंत्री डा. बलबीर सिंह के नेतृत्व और पंजाब हेल्थ सिस्टम्स कॉरपोरेशन के चेयरमैन श्री रमन बहल के प्रयासों के कारण सीमावर्ती जिला गुरदासपुर ने मानक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं।
वर्ष 2024 के दौरान सीमावर्ती जिला गुरदासपुर में किए गए स्वास्थ्य सुधारों के बारे में जानकारी देते हुए पंजाब हेल्थ सिस्टम्स कॉरपोरेशन के चेयरमैन श्री रमन बहल ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा पुराने सिविल अस्पताल गुरदासपुर को 3.50 करोड़ रुपये की लागत से 30 बैड वाले शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है जिसमें ओ.पी.डी., डे केयर इमरजेंसी सुविधाएं, नए अत्याधुनिक एक्स-रे प्लांट, सी.आर. सिस्टम, लैब सेवा, गायनकोलॉजी और पीडियाट्रिक्स की सुविधा दी गई है।
चेयरमैन श्री रमन बहल ने आगे बताया कि जिले में 62 आम आदमी क्लिनिक चल रहे हैं, जिनमें से 27 आम आदमी क्लिनिक वर्ष 2024 में शुरू हुए हैं। वर्ष 2024 में ज़िला गुरदासपुर में मुख्यमंत्री आयुष्मान भारत सेहत बीमा योजना के तहत कुल 19,112 मरीजों ने मुफ्त इलाज करवाया, जिसमें 9,70,59,390 रुपये खर्च किए गए हैं।
जिला अस्पताल बब्बरी (गुरदासपुर) में 16.75 करोड़ रुपये की लागत से 50 बैडों का क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा 10.50 करोड़ रुपये की लागत से 50 बैडों का जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवा संभाल वार्ड निर्माणाधीन है, जो पूर्ण होने के करीब है। श्री बहल ने बताया कि 1.25 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत पब्लिक हैल्थ लैब भी स्थापित की जा रही है, जो जल्द ही पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही 1.30 करोड़ रुपये की लागत से डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर फॉर न्यू बॉर्न बेबीज़ का निर्माण भी शुरू हो गया है जिसमें 1.30 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
चेयरमैन श्री रमन बहल ने बताया कि जिला अस्पताल गुरदासपुर में कोविड-19, डेंगू, स्वाइन फ्लू, एचआईवी, चिकनगुनिया और कई अन्य वायरल मार्कर टेस्ट करवाने के लिए 1.35 करोड़ की लागत से आरटी-पीसीआर लैब शुरू की गई है। ड्रग रिहैबिलिटेशन सेंटर फिर से शुरू किया गया। सीएच को 24X7 ऑक्सीजन सप्लाई प्रदान करने के लिए एल.एम.ओ. प्लांट शुरू हुआ। 30 ग्रेजुएट नर्सिंग विद्यार्थियों की वार्षिक क्षमता वाले नर्सिंग प्रैक्टिशनर के लिए कोर्स शुरू करने के लिए स्टेट मिडविफ़री ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई। नए ओटी टेबल, ओटी लाइट्स, स्पाइनल एंडोस्कोप और एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन के साथ ऑपरेशन थियेटर्स को आधुनिक और मजबूत बनाया गया। इसके अलावा रेडियोलॉजी विभाग को एक नई अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ मजबूत किया गया। ओपीडी, इमरजेंसी, वार्ड, लैब सेवाओं को भी मजबूत किया गया है। श्री रमन बहल ने बताया कि 7 डॉक्टरों ने जिला अस्पताल गुरदासपुर में डी.एन.बी. स्कीम के तहत गायनकोलॉजी और पीडियाट्रिक्स में अपनी पीजी शुरू कर दी है। 60 लाख रुपये की लागत से खाद्य एवं औषधि ज़ोनल कार्यालय शुरू किया गया है।
चेयरमैन श्री रमन बहल ने बताया कि जिला गुरदासपुर एन.सी.डी. के तहत भारतीय हाइपरटेंशन कंट्रोल पहल में पहले स्थान पर रहा। गुरदासपुर 150 प्रतिशत से अधिक प्राप्ति के साथ आईपीएचएस मानकों के ओ.डी.के. टूल किट में राज्य में दूसरे स्थान पर है। सीएचसी कलानौर और पीएचसी धियानपुर से 2 नई 108 एम्बुलेंसें शुरू की गई हैं। 9 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं ने राष्ट्रीय प्रमाणन/सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है और 26 अन्य स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं ने राष्ट्रीय गुणवत्ता भरोसा योजना के तहत राज्य स्तर पर प्रमाणन प्राप्त किया है।
श्री रमन बहल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से वर्ष 2024 यादगार और ऐतिहासिक वर्ष रहा है और वर्ष 2025 के दौरान भी स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ जाएगा।
